अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत परसा ईस्ट केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई, पुलिस बल के साथ आरंभ किए जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया है। सोमवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 50 से 60 पेड़ों की कटाई के बाद प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण विरोध में उतर आए हैं। माहौल तनावपूर्ण हो गया है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए फिलहाल पेड़ों की कटाई रोक दी गई है। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण पुलिस बल के सामने जबरदस्त नारेबाजी कर रहे हैं। आंदोलनकारियों की निगरानी ड्रोन कैमरे से कराई जा रही है।
बता दें कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लाक आवंटन के बाद से ही प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले पेड़ों की कटाई आरंभ की गई थी जिसका प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा पुरजोर विरोध किए जाने के बाद वन अमले को मौके से भागना पड़ा था। कोल ब्लाक आवंटन को रद्द करने तथा नए सिरे से ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने की मांग को लेकर बीते दो मार्च से हरिहरपुर में ग्रामीणों का आंदोलन भी चल रहा है। विभिन्न संगठनों द्वारा ग्रामीणों की मांग का समर्थन कर हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने की पुरजोर वकालत की जा रही है। इन सबके बीच रविवार शाम को बड़ी संख्या में पुलिस बल को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया था।
ग्रामीणों का कहना है कि इसी जंगल पर उनकी आजीविका निर्भर है कई पीढ़ियों से वे इसी क्षेत्र में निवास कर रहे हैं खदान खुल जाने से उन्हें विस्थापन का दर्द झेलना पड़ेगा। भले ही उनकी जान चली जाएगी लेकिन वह खदान खुलने नहीं देंगे ग्रामीणों की एकजुटता के आगे फिलहाल पुलिस बल शांत है। किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है लेकिन जो परिस्थितियां बनी है उससे पूरी संभावना है कि शाम तक कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है।