भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि से पहले उनकी हत्या में शामिल ए.जी. पेरारिवलन की रिहाई पर कांग्रेस नाराज हो गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पेरारिवलन की रिहाई को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार परिस्थितियां उत्पन्न कर दीं हैं, जिसके कारण अदालत ने हत्यारे को रिहा कर दिया।
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा, तमिलनाडु की उस समय की अन्नाद्रमुक-बीजेपी सरकारकी राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को राजीव गांधी की हत्या के सभी 7 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश भेजी थी। बीजेपी के बड़े नेता रहे बनवारी लाल पुरोहित ने उसपर कोई फैसला न लेकर मामला राष्ट्रपति को भेज दिया। राष्ट्रपति ने भी उसपर कोई निर्णय नहीं लिया। इस विलंब और बीजेपी सरकार की ओर से नियुक्त राज्यपाल के फैसला नहीं लिए जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने एक हत्यारे को रिहा कर दिया। स्वाभाविक तौर पर अब सभी हत्यारे छोड़ दिए जायेंगे। मोहन मरकाम ने पूछा, मोदी जी, कांग्रेस, बीजेपी छोड़ए। क्या यही आपका राष्ट्रवाद है कि सरकार कोई निर्णय न ले। उसके आधार पर हत्यारों को छोड़ दिया जाए।
मोहन मरकाम ने कहा, अगर हर आजीवन कारावासी को छोड़ना है, उसे छोड़ना है, तो फिर हजारों भारतीय जेलों में बंद हैं, जिन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला है ,उनको रिहा कर दीजिए। उससे पूर्व कानून एवं संविधान भी छोड़ दीजिए। मोहन मरकाम ने कहा, हर देशभक्त को हत्यारे की रिहाई से दु:ख हुआ है। यह कांग्रेस के नेता का प्रश्न नहीं है। गौरतलब है कि तमिलनाडु के श्रीपेरंम्बदूर में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दरमियान एक महिला आत्मघाती आतंकी ने खुद को बम में उड़ा लिया था। इस आतंकवादी हमले में राजीव गांधी की मृत्यु हो गई थी। इस साजिश में 4 व्यक्ति दोषी पाए गए थे
, जिनमे से एक पेरारिवलन को राजीव गांधी की हत्या के 20 दिनों बाद गिरफ्तार किया गया था ।