रायपुर । कोल खनन को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को रायपुर में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की है। दरअसल छत्तीसगढ़ में आबंटित कोयला खदानों में खनन की अनुमति ना मिलने से राजस्थान में कोयला संकट गहराने लगा है। अशोक गहलोत इस संबंध में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिखकर उनसे दखल देने की अपील कर चुके हैं, फिर भी कोई हल ना निकलने के बाद उन्हें रायपुर आना पड़ा है।
राजस्थान में गहराने लगा है कोयला संकट
गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है, खेतों, उद्योगों और घरेलू खपत के लिए पर्याप्त बिजली की जरूरत पड़ेगी। राजस्थान में कोयले का स्टॉक लगभग समाप्त होने की कगार पर है, अगर राजस्थान में कोयला खत्म हो जाता है, तो राज्य में बिजली संकट भी गहरा सकती है। कोयले की कमी से परेशान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके राजस्थान को आबंटित कोयला खदानों से खनन की अनुमति दिए जाने के संबंध में चर्चा की है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के बिजली विभाग के लिए छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवांटित की हैं, लेकिन खदानों में खनन कार्य शुरू करने के लिए छत्तीसगढ़ से पर्यावरणीय स्वीकृति ना मिल पाने के कारण राजस्थान को कोयला नहीं मिल पा रहा है। साल 2015 में छत्तीसगढ़ के सरगुजा में स्थित परसा ईस्ट-कांटा बासन में 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए 15 MTPA और परसा में 5 MTPA क्षमता के कोयला खदान को केंद्र से अनुमति मिलने के बाद भी भूपेश बघेल सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं दी गई है।
राजस्थान को नहीं मिलेगा कोयला , तो बंद हो सकते हैं पावर प्लांट
रायपुर पहुंचते की सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि राजस्थान कोयले के लिए छत्तीसगढ़ पर आश्रित है, 4500 मेगावाट बिजली की सप्लाई होती है, यदि यह सप्लाई यह ना हो, तो राजस्थान में बिजली संकट पैदा हो जायेगा। छत्तीसगढ़ में कोयला खनन की अनुमति मिले, इसके संबंध में लंबे अरसे से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी चर्चा जारी है। आज बैठक में अधिकारियों के साथ ही इसे लेकर चर्चा होनी है। गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान की जनता इंतजार कर रही है कि छत्तीसगढ़ सरकार कोयला खनन परमिट करें।
छत्तीसगढ़ के परसा में कोयला खनन के खिलाफ लामबंद आदिवासियों के आंदोलन के संबंध में उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि हर राज्य की अपनी समस्या होती है, हमें उसे भी देखना चाहिए। लेकिन भारत सरकार कोल ब्लॉक सोच समझकर ही उपलब्ध कराती है। जिन क्षेत्रों में वन विभाग होते हैं, वहां ऐसी समस्या जरूर आती है। गहलोत ने कहा कि हमें जितनी परमिशन मिली है, हम उतने ही की मांगकर रहे हैं। विकास और बिजली उत्पादन के लिए हमें जो जरूरत है, उसे पूरा करना है। गहलोत ने बताया कि वह कोयला संकट खत्म करने के लिए अपने साथ राजस्थान के बिजली मंत्री और अधिकारियों को भी साथ लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान को जल्द ही कोयला नहीं मिलेगा, तो वहां पावर प्लांट भी बंद हो सकते हैं।