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9 जून को थम जाएंगे एंबुलेंस के पहिए:संजीवनी 108 और महतारी एक्सप्रेस 102 के कर्मचारी काम बंद कर करेंगे प्रदर्शन,,,

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सूरजपुर –पूरे छत्तीसगढ़ में 9 जून को 108 और 102 की एंबुलेंस सेवाएं ठप पड़ सकती है। इसका असर सूरजपुर जिले में भी देखा जा सकता है।मरीजों और घायलों को आपात स्थिति में हॉस्पिटल पहुंचाने वाली संजीवनी एक्सप्रेस और महिलाओं को डिलिवरी के लिए नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने वाली महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल की चेतावनी दी है। कर्मचारी अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बीते दो महीनों से उन्हे वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके परिवार का गुजारा नहीं चल पा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके साथ हमेशा इसी तरह की स्थिति बनी रहती है,जब 3 से 4 महीनें में वेतन का भुगतान होता है। प्रदेश में संजीवनी एक्सप्रेस का संचालन जय अम्बे कंपनी द्वारा किया जा रहा है जबकि जीवीके कंपनी महतारी एक्सप्रेस का संचालन कर रही है। दोनों ही जगह अनियमितताओं के कारण कर्मचारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा हर साल जो वेतनवृद्धि की जानी थी वो भी कई सालों से अटकी पड़ी है।

संजीवनी 108 के साथ ही महतारी एक्सप्रेस की सुविधाएं भी ठप रहेंगी
संजीवनी 108 के साथ ही महतारी एक्सप्रेस की सुविधाएं भी ठप रहेंगी
छत्तीसगढ़ संजीवनी 108/102 कर्मचारी कल्याण संघ के सचिव विकास साहू ने बताया कि इससे पहले तीन दिनों तक उन्होंने काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन किया और 2 जून को नवा रायपुर के तूता में प्रदर्शन भी कुछ साथियों के साथ किया लेकिन इसके बाद भी कंपनी का रवैया जस का तस है। इसलिए अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर 9 जून को संजीवनी एक्सप्रेस और महतारी एक्सप्रेस के सभी कर्मचारी काम बंद कर प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान अगर कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी ठेका कंपनी और सरकार होगी।
ये है कर्मचारियों की 7 सूत्रीय मांगे

  • संजीवनी 108/102 महतारी एक्सप्रेस कर्मचारियों को प्रतिमाह 10 तारीख तक अनिवार्य रूप से वेतन का भुगतान किया जाए।
  • दो माह का वेतन भुगतान 10 जून तक किया जाए।
    -2018 से रूकी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ जून माह के वेतन में एक साथ दिया जाए।
  • कर्मचारियों को 60 साल तक नौकरी की सुरक्षा गारंटी दी जाए।
  • एंबुलेंस कर्मचारियों से 8 घंटे काम लिया जाए और अतिरिक्त कार्य का ओवरटाइम दिया जाए
  • एम्बुलेंस को ठेका प्रथा से मुक्त किया जाए।

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