सूरजपुर -मोहिबुल हसन (लोलो)…… कुपोषण व एनीमिया मुक्त सूरजपुर जिला निर्माण के लिए हर वर्ग के लोगों में जागरूकता की अलख जगाकर बकायदा संचालित होने वाली गतिविधीयों में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए लगातार प्रयासों व स्थानीय स्तर पर सुपोषित आहार उपयोग के लिए सब्जियों, फल व मुनगा का रोपण कराकर उपलब्धता गांव में होने से धीरे धीरे
उपयोग पर बढता रूझान सफलता की दस्तक बतौर जरूर उभर कर सामने आया है।आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता को साकार करने के लिए कलेक्टर ड़ॉ गौरव कुमार सिंह,सीईओ राहुल देव के कुशल नेतृत्व व
महिला एवं बाल विवाह विभाग के डीपीओ
चन्द्रबेश सिसोदिया के मार्गदर्शन में गांव के रहवासियों के बीच कुपोषण व एनिमिया पर जन जागरूक्ता व चिन्हित करनें के लिए पंचायत व स्वास्थ्य विभाग के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त कवायद सें फैली तमाम मिथकों को दूर करने के लिए कवायदो से सफलता की राह भी लगातार प्रशस्त हो रही हैं।इसी कड़ी में ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाले ग्राम सभाओं में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का वाचन कराने के साथ ही मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत एनीमिया कैम्प का आयोजन कर बच्चों की हिमोग्लाबीन जाँच की गई है। जिसमें 7.8 ग्राम से कम हीमोग्लाबीन वाले 200 बच्चों 8 ग्राम से कम हीमोग्लोबीन वाले 554 बच्चों एवं 9 ग्राम से कम हीमोग्लोबीन वाले 2711 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। इनके लिए लक्ष्य सुपोषण अभियान अंतर्गत जनवरी 2022 से 06 माह से 06 वर्ष के करीब 15214 लक्षित कुपोषित बच्चों को अण्डा , बादाम पट्टी ,मोरिंगा बार उपलब्ध कराने व उपयोग को लेकर लगातार निगरानी व प्रेरित करने से बच्चों के परिजनों द्वारा उपयोग में रूची बढी है।
लक्ष्य सुपोषण अभियान के तहत संचालित हुई गतिवीधीयां तब्दील हो रही सफलता की ओर..
कुपोषण से जंग में लक्ष्य सुपोषण अभियान के तहत विभिन्न गतिवीधीयां आयोजन हुई है।जिनमें मुख्य रूप से “हेल्थ फ्राईडे” के तर्ज पर जिले में प्रत्येक माह के प्रथम शुक्रवार एवं तृतीय शुक्रवार को करीब 580 विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित हुई है।इनके माध्यम से करीब 17296 बच्चों को लाभान्वित कराया गया है। जिसमें बच्चों को दवाईयाँ व स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक आहार उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने सें अपेक्षित समयावधि से कम समय में
बच्चों में कुपोषण का स्तर कम होने लगा और शारीरीक विकास होने से लाभान्वित हुएं।वहीं दूसरी तरफ लक्ष्य सुपोषण अभियान के तहत सर्वाधिक कुपोषण वाले
क्षेत्र बतौर करीब 700 ऑगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण पाठशाला का संचालन किया जा रहा है। जिसमें कुल 10349 बच्चों एवं उनकी 10241 माताओं को लाभान्वित कराया गया है। इसके अलावा 09 ग्राम से कम हिमोग्लोबीन वाले बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए चिरंजीवी सूरजपुर अभियान के तहत उपचार सुविधा मुहैया कराने से करीब 233 बच्चो को कुपोषण से मुक्त कराने में सफलता प्राप्त हुई है।
सुपोषण ट्री बतौर 21570 मुनगा पेड़ो का रोपण व 11282 सुपोषण वाटिका सें स्थानीय स्तर पर मिल रहा सीधे लाभ,
कुपोषण से जंग में स्थानीय स्तर पर सहज तौर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सुपोषण ट्री बतौर करीब 21570 मुनगा के पौधों का रोपण कराया गया है।इनकी नियमित तौर पर देखरेख से अब इनका उपयोग भी प्रारंभ हो गया है, इसके अलावा ऑगनबाड़ी केन्द्रों में मुनगा बिस्किट एवं कुकीश का वितरण कराया गया है।इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर सुपोषित भोजन के लिए जरूरत से जुड़ी फल व सब्जियों का रोपण सुपोषण वाटिका के माध्यम से कराने की कवायद में करीब 11282 स्थानों पर वाटिका निर्माण कराया गया है।जिसमें ऑगनबाड़ी केन्द्रों में 2017 पोषण वाटिका एवं सामुदायिक स्थल, हितग्राहियों के घरें बाड़ियों में 9265 पोषण वाटिकाओं का निर्माण हुआ गया है।इन वाटिकाओं में रोपीत फल एवं सब्जियों से सीधे तौर पर करीब 24483 हितग्राहियों को लाभान्वित कराया गया है।
98 पोषण सभा का आयोजन के साथ जनसहभागिता की कवायद भी सफलता की ओर अग्रसर…….
कुपोषण से जंग में जन सहभागिता अधिक से अधिक बढाने के लिए करीब 98 पोषण सभा का आयोजन किया गया है ।इनमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्धजनों की उपस्थिति से सर्वाधिक कुपोषण वाले पंचायतों में कवायदो का सफल संचालन हो रहा है।इस दरम्यान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत परिवार आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से परिजनों को प्रोत्साहित करने के लिए डोर टू डोर दस्तक देकर प्रोत्साहन से ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा करीब 5530 मध्यम कुपोषित बच्चों एवं 2521 गंभीर कुपोषित बच्चों कुल 8051 बच्चों के घरों पर गृह भेंट कर पोषण एवं स्वच्छता के संबंध में परिजनों को प्रोत्साहित किया गया ।इसमें सबसे अहम सफलता पण्डो बाहुल्य क्षेत्र में बीते 22 सितंबर से 30 सितंबर 2021 तक मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत कुल 21 स्थानों पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाकर कुल 1428 लोगों को लाभान्वित किया गया ,इनमें करीब 603 पण्डों परिवार के सदस्य शामिल रहे । विशेष चिन्हांकित 1100 गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषण पेटी वितरीत किया गया है जिसमें माह में 12 दिवस हेतु पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया है। उक्त पेटी हितग्राही के घर पर रही एवं उसकी चाभी संबंधित ऑ०बा० कार्यकर्ता के पास रहेगी प्रति सप्ताह सामवार, बुधवार एवं शुक्रवार को गृह भेंट कर बच्चों के पोषण स्तर की निगरानी करते हुये एक पौष्टिक आहार अपने सामने सेवन करायेगी। उपरोक्त समस्त अथक प्रयासों से अब तक कुल 11621 बच्चे कुपोषण से बाहर आये हैं। वर्तमान में जिले में 49 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से बाहर आये हैं ।