सूरजपुर, डॉ प्रताप नारायण सिंह :अक्सर यह देखा जाता है की कलेक्टर स्तर का कोई अधिकारी जब अपने प्रशासनिक दौरे पर होता है तब वह अपने मातहतों के अधीन उनसे प्राप्त जानकारियों के जरिए रास्तों पर बिना दाएं बाएं देखें अपने वाहन चालक तथा अंगरक्षक के साथ कलेक्ट्री सीट पर बैठे अपने गंतव्य तक पहुंचने की सोच रहा होता है और दिमाग में कई प्रशासनिक निर्देशों की उलझन बनी रहती है प्रशासनिक दौरे तथा प्रोटोकॉल के अलावा मानवीय संवेदनाएं सुसुप्ता अवस्था में होती हैं।
जिले के आला प्रशासनिक अधिकारी जिलाधीश के रूप में लगातार हो रही बारिश के बीच डॉ गौरव कुमार सिंह अपने प्रशासनिक दौरे पर प्रतापपुर विकासखंड के कई गांव में जाते हैं किसानों से मिलते हैं अपनी प्रशासनिक दक्षता के अनुरूप मातहतों को कई निर्देश भी देते हैं इसी बीच जब वे प्रतापपुर विकासखंड मुख्यालय से वापस आ रहे होते हैं तब बनारस मुख्य मार्ग पर उनकी नजर एक घायल वृद्ध जो कॉलरी कर्मी है उस पर पड़ती है, तत्काल अपने वाहन चालक से अपने वाहन को रुकवा कर उक्त घायल वृद्ध को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं, इस वाकये से इतना तो स्पष्ट है कि डॉ गौरव की मानवीय संवेदना अपने उच्च चेतना में है, जिले के कलेक्टर का यह भाव जिले वासियों के लिए निश्चित तौर पर एक बहुत बड़ी देन साबित हो सकती है। उक्त घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाकर आपने जो प्राण रक्षा की है जिलेवासी आपको लाखों दुआएं दे रहे हैं।
प्रदेश का यह जिला वाकई में उगता हुआ सूरज है इस जिले के गर्भ में प्रचुर मात्रा में कोयला संपदा के साथ-सथ गौण खनिजों का भंडार पड़ा हुआ है, किंतु जिन प्रतिकूल परिस्थितियों में डॉ गौरव ने जिले की कमान संभाली उसे कांटो भरा ताज कहा जा सकता है, बतौर जिलाधीश अभी सूरजपुर जिले में आपको कई प्रशासनिक शल्य क्रिया भी करनी होगी ताकि प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित हो सके। क्योंकि इस जिले में पदस्थ कई अधिकारी प्रदेश शासन तथा मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है सबसे ज्यादा तो राजस्व विभाग में और मनरेगा में। आपसे जिले वासियों को ढेरों उम्मीदें हैं, आदिवासी बाहुल्य जिले के विभिन्न समाज के लोग जो बेहद ही सीधे साधे तथा प्राकृतिक हैं उनकी उनींदी आंखें अब आप पर टिकी हैं। अब देखना होगा की सूरजपुर जिले में आप की संवेदनशीलता, प्रशासनिक दक्षता और मानवीय सोच से कैसी तस्वीर उभरकर प्रदेश तथा देश के समक्ष आती है।