सूरजपुर(IRN.24)
सूरजपुर – दरअसल जिले के ओढ़गी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रामगढ़ 25 पांडो जनजाति परिवार के लोग पहले तेलईपाठ में रहते थे। जिसे छोड़कर पहाड़ के बीचों बीच सड़क किनारे रह रहें हैं। इन जनजाति परिवार का मानना हैं कि, सड़क किनारे रहने से अफसर बुनियादी सुविधाएं पहुंचा सकेगें। लेकिन, यहां पंडो जनजाति के इन लोगों को जहां बिजली, पानी, स्वास्थ्य और स्कूल जैसे ज़रूरी सुविधा नहीं मिल रहा हैं। लिहाज़ा, ये लोग रेडिया नदी का पानी निकालकर उसे पी रहे हैं। सुबह शाम पंडो जनजाति के महिला-पुरुष पानी के लिए मशक्कत करते हैं। इसके बाद भी साफ पानी नहीं मिल पा रहा हैं। इधर, सरकार हर घर शुद्ध पीने योग्य पानी नल जल योजना के अंतर्गत पहुंचाने का दावा करती आ रहा हैं।भारत को आजाद हुए 75 साल से ज्यादा का समय हो गया हैं। इसके बावजूद ग्रामीण अंचलों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की अभाव हैं। दरअसल, सरगुजा संभाग के कई ऐसे इलाके में जहां लोग नदी नाले का पानी पी रहे हैं। क्योंकि, उनके बस्ती में साफ पीने का पानी की व्यवस्था नहीं हैं। ऐसा ही एक मामला सूरजपुर जिले के बिहारपुर क्षेत्र में स्थित रामगढ़ पंचायत से सामने आया हैं। जहां के लोगों को पिछले 10 सालों से शुद्ध पीने का पानी नहीं मिला हैं।यह समस्या बहुत गंभीर है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति को लेकर काम करने की जरूरत है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें जल संचयन, जल पुनर्चक्रण, और जल संचार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता हैग्रामीणों ने बताया कि, वे तेलाईपाठ बस्ती में रहते थे। लेकिन, वहां से उन्हें राशन लेने 20 किमी पहाड़ी रास्ते से पैदल चलना पड़ता था। तो वे पहाड़ के नीचे आकर 2013 में सड़क किनारे बस गए हैं और अब यहीं खेती बाड़ी करते हैं। अब यहां से राशन दुकान की दूरी 4 किमी हैं। मूल सुविधा को लेकर इसकी शिकायत अफसरों से हुई हैं। लेकिन, जांच के नाम पर उन्हें केवल गुमराह किया जा रहा हैं। पंडो जनजाति के इन लोगों का मांग हैं कि, उनके नवीन बस्ती में एक हैण्डपंप खनन करा दिया जाए और बिजली भी पहुंचाई जाए।