“सिंहदेव के घर में भूपेश की दस्तक, बस्तर में सिंहदेव की धमक”, ढाई साल के फार्मूले पर क्या बोले सिंहदेव
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ढाई साल के फार्मूले पर काफी दिनों पहले विराम लग चुका है, क्योंकि बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं ,लेकिन फिर भी सीएम इन वेटिंग रहे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और सीएम भूपेश बघेल के बीच सियासी दौड़ देखने मिल ही जाती है। 4 मई से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री दोनों ने प्रदेश स्तरीय दौरा अभियान शुरू कर दिया है
, जिसके बाद एक बार फिर चर्चा चल पड़ी है कि दोनों नेताओ के बीच समानांतर प्रदेश की यात्राये समर्थन जुटाने के लिए लिहाज से की जा रही हैं। हालाकिं दोनों नेताओ के मुताबिक उनकी यात्राएं शासकीय कार्यक्रमो की समीक्षा और आमजनता से फ़ीडबैक लेने के लिए की जा रहीं है।छत्तीसगढ़ में बुधवार से दो बड़े नेताओं की , दो बड़ी दो यात्राएं के बाद आम जनता में भी एक बार फिर चर्चा हैं, सत्ता परिवर्तन की सम्भावना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर एक विधानसभा में सरकार की योजनाओं का जायजा लेने के लिए अपने दौरे पर निकल चुके हैं और इसी दिन छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टी.एस. सिंहदेव अपने निजी विमान से हवाई दौरे पर निकल गए हैं। सिंहदेव ने अपनी यात्रा के पहले दिन ही बड़ा बयान देकर चर्चाओं को हवा दे दी है। ज्ञात हो कि सियासी चर्चा है कि साल 2018 का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस हाईकमान की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई – ढाई साल का फार्मूला लागू करने पर सहमति बनी थी ,जिसके मुताबिक पहले ढाई साल भूपेश बघेल और फिर उसके बाद टी .एस. सिंह देव को सीएम बनाया जायेगा । दबे मुह इस बात को नेता खुद भी स्वीकार कर चुके हैं ,लेकिन कांग्रेस संगठन की ओर से अब तक कोई अधिकारिक बयान या स्पष्टीकरण नहीं आया है ,इसलिए कोई भी खुलकर इस मुद्दे पर नहीं बोलता।
भाजपा नेता का बयान
इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरगुजा और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बस्तर दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि सिंहदेव के घर में भूपेश की दस्तक, बस्तर में सिंहदेव की धमक, कांग्रेस के गृहयुद्ध का सबब है। भूपेश बघेल का यह भ्रमण विशुद्ध रूप से राजनीतिक है और सिंहदेव भी इसीलिए जवाबी चुनौती दे रहे हैं। विष्णुदेव साय ने कहा कि ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री का विवाद अभी हल नहीं हुआ है। साढ़े तीन साल बाद भी सिंहदेव अपनी बारी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस का यह सत्ता संघर्ष राज्य की जनता का अहित कर रहा है। वर्चस्व और अस्तित्व की कांग्रेसी जंग में जनता का धन उड़ाया जा रहा है। साय ने कहा कि भाजपा शासनकाल में विकास के काम होते थे। इन कामों के भौतिक सत्यापन और जनता से रूबरू होने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हर साल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का आकस्मिक दौरा करते थे। अब कांग्रेस के राज में काम तो कुछ हो नहीं रहा। उल्टे सत्ता संग्राम के लिए जनता का धन बर्बाद करने की होड़ मची है।