Indian Republic News

सावित्री बाई फुले: भारत की पहली महिला शिक्षक

0

- Advertisement -

महेश कुमार/IRN.24…

सूरजपुर/भैयाथान/बतरा/IRN.24… भारत की महिला शिक्षा की जनक व पहली बालिका स्कूल संस्थापक सावित्री बाई फुले की 194वीं जयंती शुक्रवार को पी.एम.श्री स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय बतरा में मनाया गया।इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य गोवर्धन सिंह ने बताया कि सावित्रीबाई फुले इतिहास के पन्नों में एक चमकता हुआ नाम है।

वह एक असाधारण महिला थीं जिन्होंने अपना जीवन भारत में महिलाओं और दबे-कुचले समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव गांव में हुआ था।साल 1848 में सावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव फुले ने पुणे, भारत में लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू किया था। यह एक क्रांतिकारी कदम था, क्योंकि उस समय लड़कियों की शिक्षा को अक्सर नजरअंदाज था।इन चुनौतियों के बावजूद, उनका समर्पण अटूट रहा। उनका दृढ़ विश्वास था कि शिक्षा सशक्तिकरण की कुंजी है और हर लड़की को सीखने का अवसर मिलना चाहिए।

लड़कियों की शिक्षा में अपने काम के लिए सावित्रीबाई को बहुत विरोध और दुश्मनी का सामना करना पड़ा। उन्हें और उनके छात्रों को अक्सर अपमान और यहां तक कि शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ता था।सावित्रीबाई फुले ने 19वीं सदी में महिला शिक्षा, लिंग समानता और सामाजिक सुधार के लिए अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने पहले लड़कियों के स्कूल की स्थापना की, और अपने लेखन के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की वकालत की। उनका समर्पण और साहस हमें प्रेरणा देता है।इस कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्रों का योगदान रहा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.