छत्तीसगढ़:सावधान इंडिया देखकर बनाया अपहरण का मास्टरप्लान , 4 दोस्तों के साथ मिल कर भाई को किया अगवा! 5 गिरफ्तार
कोंडागांव: जिले में अपहरण की एक बड़ी वारदात को पुलिस ने सिर्फ 12 घंटे के अंदर सुलझा लिया है और अगवा किए गए 11 साल के बच्चे समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। बच्चे को 16 अगस्त की शाम 5 बजे सोनाबाल बांधापारा के तालाब के पास से अगवा किया गया था। खास बात यह है कि अपहरण किन्हीं शातिर अपराधियों ने नहीं बल्कि 3 नाबालिगों सहित कुल 5 लोगों ने किया इसमें 19 साल का चचेरा भाई मुख्य आरोपी है।
अपहरण कर 30 लाख की फिरौती वसूलने का आइडिया भी इन्हें टीवी शो ‘सावधान इंडिया’ से मिला था और अपहरण की वारदात में ये फंस न जाएं इसलिए टीवी शो में अपहरण की वारदात में अपहरणकर्ताओं ने जो गलतियां की थी इन्होंने इसे नहीं दोहराया फिर भी कोंडागांव पुलिस ने सभी को पकड़ लिया है।
टीआई अर्चना धुरंधर ने बताया कि सोनाबाल में रहने वाली कुमारी राजेश्वरी सेठिया उर्फ रिंकी सेठिया ने 16 अगस्त को थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनका छोटा भाई 11 वर्षीय चन्द्रप्रकाश सेठिया शाम 5 बजे घर से साइकिल चलाने के नाम पर निकला है, लेकिन वह लौटा ही नहीं। इसी बीच उसे मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया और उसने भाई के एवज में 30 लाख रुपए मांगे और पुलिस को बताने पर भाई का मर्डर कर देने की धमकी भी दी है। पुलिस ने 12 घंटे में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया और बालक को रिहा करवाया।
चूक न हो इसलिए एसपी खुद करते रहे मॉनिटिरिंग
पुलिस ने तत्काल मामले की जानकारी एसपी सिद्धार्थ तिवारी और एसडीओपी निमेतश सिंह को दी गई। ऐसे मामले में पुलिस के ज्यादा इन्टरफेयर से अक्सर अपहृत की जान को खतरा हो जाता है। ऐसे में टीआई अर्चना धुरंधर के नेतृत्व में गोपनीय ऑपरेशन लांच किया गया। एसपी खुद मॉनिटरिंग करते रहे।
एक व्यक्ति से लिफ्ट लेकर उसका फोन मांगा था
टीवी पर सावधान इंडिया के एक एपिसोड में अपहरण की घटना दिखाने के दौरान बताया गया कि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को मोबाइल लोकेशन से पकड़ा था। ऐसे में आरोपियों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा और बचने के लिए अलग पैतरा अपनाया। चन्द्रप्रकाश सेठिया के अपहरण के बाद इन्होंने एक राहगीर से मोबाइल मांगा और उसके फोन से फिरौती की रकम मांगी। पुलिस ने फिरौती की रकम के लिए आने वाले फोन नंबर और उसके मालिक को पकड़ा तो उसने पुलिस को बताया कि एक युवक ने उससे लिफ्ट ली थी। इसी बीच युवक ने मोबाइल मांगा था और फिर थोड़ी दूर जाकर उससे बात करने लगा और फिर मोबाइल वापस कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दूसरे एंगल पर काम किया।
चाचा के परिवार से था पुराना विवाद
पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही थी फिरौती की रकम के लिए फोन से आरोपियों तक पहुंचने का एंगल पहले ही खत्म हो चुका था। इसी बीच पुलिस ने परिवार के सदस्यों से पूछताछ की तो पता चला कि परिवार का विवाद चाचा के परिवार से चल रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने इस एंगल पर भी जांच शुरू की और पुलिस को महत्वपूर्ण क्लू मिला। जिन रिश्तेदारों पर पुलिस को शक था उन्हें थाने ले लाया गया। पूछताछ शुरू हुई तो बालक का चचेरा भाई सरोज सेठिया सबकुछ उगल पड़ा।
जंगल में रातभर भूखे रखा
पूछताछ में पुलिस को आरोपी चचेरे भाई सरोज ने बताया कि उसने अपने 4 साथ साथियों के साथ अपहरण किया है। बालक जब तालाब के पास पहुंचा तो उसके साथी सरोज ने बालक से साइकिल में लिफ्ट मांगी। इसके बाद कुछ दूर जाने पर बालक को पकड़कर उसके मुंह और आंखों पर कपड़ा बांध दिया गया। इसमें सरोज सेठिया पिता इन्द्रदेव सेठिया उम्र 19 वर्ष और धीरज दास पिता अरुण दास उम्र 19 वर्ष ने मुख्य भूमिका निभाई। बालक के अपहरण के बाद उसे बाइक से बिठाकर नारायणपुर के किवई-बांलेगा ले गए। यहां जंगल में बालक को रातभर भूखे प्यासे रखा गया। पुलिस ने बालक को यहीं से बरामद किया।
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