(IRN.24…राधे यादव भैयाथान)
सूरजपुर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा को सशक्त बनाने के तमाम प्रयासों के बावजूद जमीनी हकीकत निराशाजनक बनी हुई है। जिले के ग्रामीण अंचलों में स्कूलों की स्थिति देखकर यही कहा जा सकता है कि शिक्षा व्यवस्था बदहाल है और प्रशासनिक निगरानी लगभग शून्य हो चुकी है। ऐसा ही एक गंभीर मामला सूरजपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ऊंचडीह के प्राथमिक शाला बैगापारा से सामने आया है, जहां मंगलवार को सुबह 10:30 बजे तक स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक सिहत शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचे थे। विद्यालय का मुख्य द्वार बंद था, जिसे बच्चों ने खुद खोलकर परिसर में प्रवेश किया। बच्चों को बिना किसी शिक्षक के स्कूल में इधर-उधर घूमते देखा गया। यह दृश्य न केवल चिंताजनक है बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर सीधा सवाल भी खड़ा करता है। जानकारी के अनुसार विद्यालय में
प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक पदस्थ हैं, जिनका निवास भी समीपवर्ती गांवों में ही है। बावजूद इसके वे विद्यालय देर से आते हैं। ग्रामीणों के अनुसार यह स्थिति एक दिन की नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रही है। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षक विद्यालय आकर कुछ देर रुकते हैं, फिर अपने काम में
लग जाते हैं। बच्चों को पढ़ाई के नाम पर कुछ खास नहीं मिलता। बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कभी इन स्कूलों का निरीक्षण करने नहीं आते। इसी का फायदा उठाकर शिक्षक अपनी ड्यूटी को हल्के में ले रहे हैं और पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार मौखिक
रूप से शिकायतें भी की गईं, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। ग्रामीणों ने इस मामले में जिला प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि इस लापरवाही की तुरंत जांच कर दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा बच्चों का मूल अधिकार है और उसमें लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। शिक्षकों
की मनमानी का असर सिर्फ पढ़ाई पर नहीं, बल्कि बच्चों के व्यवहार और अनुशासन पर भी पड़ रहा है। शिक्षक यदि समय पर स्कूल नहीं पहुंचेंगे और पढ़ाई का माहौल नहीं बनेगा तो बच्चे अनुशासित कैसे बनेंगे। यही कारण है कि स्कूल में बच्चों के बीच अनुशासन का पूरी तरह से अभाव देखा जा रहा है।
करते हैं इंतजार
इस संबंध में जिला अधिकारी भारती वर्मा ने कहा कि मामले को लेकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से जांच रिपोर्ट तलब किया जाएगा। यदि जांच में शिक्षकों की लापरवाही पायी जाती है, तो उनके विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षण व्यवस्था को लेकर कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।