सूरजपुरIRN.24…/ जिला पंचायत सूरजपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदनी साहू ने कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में चल रहे मोर गांव मोर पानी महाअभियान, मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यों का औचक निरीक्षण कर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत का जायज़ा लिया।
निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत मानी में अमृत सरोवर और रिचार्ज पिट, लोलकी में मिट्टी बांध, गैबियन और सोक्ता गड्ढा, पहिया में अमृत सरोवर और चंदौरा में मिट्टी बांध के निर्माण कार्यों का गहन निरीक्षण किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी वर्षा ऋतु से पहले सभी आवश्यक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जाए ताकि ग्रामीणों को खेती के लिए अधिकतम जल स्रोत उपलब्ध हो सके। इससे खरीफ के साथ-साथ रबी की फसल की भी अच्छी पैदावार सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे ग्रामीणों की आय में सीधा इजाफा होगा।
सीईओ साहू ने कहा कि ग्रामीणों के मनोबल को बढ़ाना और सभी हितग्राहियों का समन्वय स्थापित करना ही योजनाओं की सफलता की कुंजी है। इस दिशा में समन्वित प्रयासों की जरूरत है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गति लाने के निर्देश
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, पहिया, मानी, और लोलकी में चल रहे आवास निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय महिलाओं, ग्राम पंचायत मेट, रोजगार सहायक, और सचिव को आपसी समन्वय बनाकर तय समय सीमा में सभी आवास पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवास की किस्तों का भुगतान समयबद्ध रूप से किया जाए ताकि निर्माण में कोई बाधा न आए। सभी हितग्राहियों को अपने पक्के मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे जल संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा मिल सके।
ग्रामीण विकास के लिए लगातार सक्रिय हैं जिला पंचायत सीईओ
राज्य शासन की मंशा के अनुरूप जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदनी साहू निरंतर ग्राम स्तर पर योजनाओं की निगरानी कर रही हैं ताकि शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उनके सक्रिय निरीक्षण और दिशा-निर्देशों से न केवल कार्यों में पारदर्शिता आई है, बल्कि ग्रामीणों के बीच भरोसा और उत्साह भी बढ़ा है।
यह निरीक्षण न केवल योजनाओं की प्रगति का आकलन था, बल्कि अधिकारियों और ग्रामीणों को एक प्रेरणा भी थी कि यदि समन्वय और संकल्प हो, तो विकास की राह आसान हो सकती है।