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संविधान भारत की जान है भारतीयों के अधिकारों की पहचान है : गोवर्धन सिंह

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महेश ठाकुर IRN.24

भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम बतरा स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर भाषण,क्विज, निबंध लेखन सहित विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री गोवर्धन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर के दिन मनाया जाता है. 1949 में आज ही के दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. सरकार ने 19 नवंबर, 2015 को राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था. संविधान में लिखा है कि भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं होगा. यह ना तो किसी धर्म को बढ़ावा देता है और ना ही किसी से भेदभाव करता है. हाथों से लिखे गए संविधान पर 24 जनवरी 1950 को हस्ताक्षर किए गए थे. इस पर 284 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे, जिनमें 15 महिला सांसद थीं. इसके बाद 26 जनवरी से ये संविधान पूरे देश में लागू हो गया. हमारे देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का सबसे प्रमुख रोल था, इसलिए संविधान दिवस उन्हें श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है. कार्यक्रम प्रभारी सुश्री रुचि कुशवाहा ने संविधान दिवस की महत्ता बताते हुए कहा कि यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है जहां संविधान में दिए मौलिक अधिकार हमारे ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं वहीं इसमें दिए गए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं यह भी जानना जरूरी है कि 26 नवंबर का दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर संविधान की उद्देश्यिका का शपथ शिक्षिका सुश्री सोनम नायर ने छात्रों का दिलाया तथा कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती फातमा सोगरा ने किया. उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्राचार्य श्री गोवर्धन सिंह सहित शिक्षकगण आकिब आलम, स्मृति मिश्रा, रागिनी जायसवाल, एकता सिंह, ज्योति, आमरीन, स्वेता कुंडू, अमजद अली, हिमांशु शर्मा, सुरेखा कुमारी, प्रियंका कुमारी का सराहनीय सहयोग रहा.

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