सूरजपुर/IRN.24…/ जिले के समस्त विकाखण्डों में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में किसानों को खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए के.सी.सी. के माध्यम से आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों से उन्नत खाद-बीज की अग्रिम उठाव की सलाह दी, खरीफ फसल अन्तर्गत अनाज, दलहन-तिलहन, साग सब्जी की उन्नत बीजों का चयन करने हेतु कहा गया। वैज्ञानिकों द्वारा धान के किस्म डज्न् 1010 के जगह पर विक्रम टी.सी.आर. एवं अन्य किस्म जो 10 वर्ष के अन्दर के हैं उपयोग करने हेतु जोर देते हुए धान बीज को 17ः नमक घोल बीज उपचार विधि अपनाने हेतु जागरूक करते हुए किसानों के पास उपलब्ध वेस्ट डीकम्पोजर के उपयोग करने एवं डीएपी खाद की कमी को देखते हुए 12ः32ः16, 20ः20ः0ः13 और एस.एस.पी., नैनो यूरिया, नैनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का सहकारी समितियों से उठाव कर उपयोग करने कहा गया। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दिये गये मापदण्ड अनुसार संतुलित उर्वरक का उपयोग करने व फसलों में लगने वाले बिमारियों के बारे में बारिकी से समझाया और फसल बीमा कराने पर जोर दिया। किसानों को फसल की सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई के माध्यम कम पानी में अधिक पैदावार प्राप्त करने हेतु सलाह देते हुए ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं अन्य कृषि यंत्रों में विभाग से प्रदाय अनुदान राशि से अवगत कराया गया। शिविर में धान के बदले लघु धान्य फसलों-कोदो, कुटकी, रागी इत्यादि एवं दलहन-तिलहन फसलों को बढ़ावा देने हेतु सुझाव दिया गया। किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों से सीधा संवाद कर अपनी जिज्ञासाएं एवं समस्याएं दूर की। उद्यानिकी विभाग के अधिकारी द्वारा उद्यानिकी खेती करने की सलाह देते हुए साग-सब्जी, फल, फूल एवं मसाले की खेती करने लिए शासन द्वारा दी जा रही अनुदान राशि की जानकारी दी। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को लगाये जाने वाले टीकाकरण के महत्व को बतात हुए जोर दिया गया की समय-समय पर टीकाकरण कराना अनिवार्य हैं साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। मत्स्यपालन विभाग से विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए मछलीपालन की बारिकीयों से अवगत कराया।