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वोटर लिस्ट में भारी अनियमितता के विरोध में मतदाताओं के द्वारा मतदाता सूची में सुधार नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार का ज्ञापन सौंपा

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महेश कुमार(IRN.24…)

सूरजपुर/सोहागपुर/IRN.24… सूरजपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत सोहागपुर में मतदाता सूची में हुई भारी फेरबदल ने न केवल स्थानीय राजनीति को गरमा दिया है, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 53 मतदाताओं के वार्ड बदलने का मामला अब तूल पकड़ चुका है, और ग्रामीणों ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया है।

मुख्य आरोप

1. बिना अनुमति संशोधन:आठ वार्डों के 53 मतदाताओं को बिना किसी पूर्व सूचना, अनुमति या संशोधन फॉर्म भरे अन्य वार्डों में स्थानांतरित कर दिया गया।

2. सचिव और बीएलओ की स्थिति:ग्राम पंचायत सचिव और बीएलओ ने स्पष्ट किया कि उनके स्तर पर कोई फेरबदल नहीं हुआ है और न ही किसी मतदाता ने संशोधन फॉर्म भरा है।

3. ऑपरेटर की मनमानी का आरोप:आरोप लगाया गया है कि मतदाता सूची तैयार करने वाले ऑपरेटर ने धनउगाही कर सूची में फेरबदल किया।

—प्रदर्शन और मांगें

इस गड़बड़ी से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी,जनपद पंचायत सीईओ और तहसीलदार को आवेदन दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की।

तहसीलदार का आश्वासन:

तहसीलदार नेे मतदाता सूची में सुधार कर संलिप्त दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।

ग्रामीणों की चेतावनी:

अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सभी वार्डों से चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

—प्रभावित उम्मीदवार और मतदाता

सूची में फेरबदल के कारण कई उम्मीदवार और मतदाता अपने परिवार और वार्ड से अलग हो गए हैं।

इससे चुनाव प्रक्रिया पर सीधा असर पड़ सकत है, और निष्पक्षता संदेह के घेरे में आ गई है।

–प्रशासनिक चूक और जांच का विषय

यह गड़बड़ी निर्वाचन अधिकारियों की निगरानी में हुई, जो प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाती है।

मुख्य सवाल:

क्या यह ऑपरेटर की अकेले की मनमानी है या इसमें किसी अधिकारी की मिलीभगत है?

क्या जानबूझकर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया?

–आगे की राह

1. न्याय और सुधार की मांग:ग्रामीणों ने मतदाता सूची में तत्काल सुधार और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।2. पारदर्शी जांच:प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

3. चुनाव बहिष्कार की चेतावनी:यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो चुनाव का बहिष्कार ग्रामीणों के गुस्से को और बढ़ा सकता है।

यह देखना अहम होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता और पारदर्शिता से इस गंभीर मामले को सुलझाता है।

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