विभागीय उदासीनता से अवैध उत्खनन का कार्य तेजी से फल-फूल रहा,दबंग धड़ल्ले से कर रहे हैं रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन.
सूरजपुर-मोहिबुल हसन.. खनिज विभाग के रहमो करम पर जिले में अवैध उत्खनन का कार्य तेजी से फल-फूल रहा है।अवैध रूप से बालू उत्खनन के कार्य में लोग जान की बाजी लगाकर धंधा कर रहे हैं।यह जरूर है कि विभाग दिखावे के लिए छोटी मछलियों पर कार्रवाई कर खुद की पीठ थपथपाते रहता है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के सूरजपुर,रामानुजनगर,प्रेमनगर व भैयाथान ब्लॉक के नदी नालों से बालू का अवैध उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।
ज्यादातर यह कार्य अहैले सुबह व देर रात को किया जाता है और ऐसे धंधे से जुड़े लोग नाबालिको से भी काम लेते हैं।देखा जाता है कि देर रात ओभर लोड सुरजपुर छट घाट से विश्रामपुर थाना होते करंजी चौकी छेत्र से भटगांव, प्रतापपुर, चंदौरा, रेवटी, वाडफनगर, बंतपुर, थाना व चौकी क्षेत्र से बेखौफ होकर धड़ल्ले से सड़कों पर वाहन दौड़ाते हैं जिससे भी लोगों को खतरा बना रहता है,मगर इस ओर भी ध्यान नहीं दिया जाता,ऐसे ट्रैक्टर से कई लोग हादसे का शिकार भी हो चुके हैं जिले में अवैध उत्खनन को लेकर गांव -गांव में भी गुस्सा है मगर विभागीय अधिकारियों के मौन साध लेने से ग्रामीण भी विवस है।सूत्र बताते हैं की विभागीय अधिकारियों की खुली छूट से ही ऐसे धंधे फल फूल रहे हैं जिसके एवज में उन्हें बकायदे चढोतरी भेंट किए जाते है, रेत की उत्खनन व परिवहन किया जाता है इससे ग्रामीण सड़कें तो खराब हो ही रही हैं साथ ही रॉयल्टी नहीं मिलने से सरकार को भी लाखों का चुना लग रहा है।रेण व गोबरी नदी से कई जगहों पर बालू का उत्खनन कर परिवहन का धंधा रोजाना जारी है।रामानुजनगर ब्लाक के डगमला,गाणासिली, बिछली नाला से बालू का अवैध उत्खनन सोनपुर पंपापुर,गोपीपुर,तेलसरा,से भी अवैध उत्खनन व परिवहन का धंधा फल-फूल रहा है ,ऐसे धंधों में कुछ दबंग लोग शामिल है जो भोले भाले ग्रामीणों से जान की बाजी लगवाकर अपना काम निकलवा रहे है,जिसमें नंदीयों की अस्तित्व खतम हो रही है,उच अधिकारियों की मिलीभगत है जबकि ऐसे अवैध उत्खनन से कई हादसे हो चुके हैं मगर विभाग को इससे कोई लेना-देना नहीं है वे लोग अपना मकसद साधने और सरकार को चूना लगाने में मस्त है।अवैध कारोबार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त विरोध भी किया जाता है जिस पर कभी कभार विभाग दिखावे के लिए महज कुछ कार्रवाई कर अपनी खुद की पीठ थपथपा लेता है।पत्थरों के अवैध उत्खनन से प्राकृतिक संपर्दा को तो काफी नुकसान पहुंच रही है साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।बताया जाता है कि अवैध उत्खनन के चक्कर में पहाड़ जहां धराशाई हो रहे हैं वही पेड़ों को भी काट दिया जा रहा है जिससे आए दिन प्राकृतिक सौंदर्य को नुकसान पहुंच रहा है इस ओर भी गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन ऐसा लगता है की शासन ,प्रशासन को कोई फर्क नही पडता ।
नदी नाले उफान पर फिर भी बालू की हो रही निकासी
खबर है कि बारिश के इस मौसम में नदी नाले उफान पर हैं बावजूद लोग कमाई के चक्कर में जान की बाजी लगाकर बालू निकासी का काम कर रहे हैं जिस पर तत्काल अंकुश लगाना आवश्यक है नहीं तो लोग किसी बड़ी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।