पटना: पटना हाईकोर्ट में गलत शपथ पत्र दिए जाने से नाराज कोर्ट ने गया की एसएसपी हरप्रीत कौर तथा डेल्हा थाना के एएसआई के खिलाफ क्यों नहीं आपराधिक अवमानना चलाने के लिए नोटिस जारी किया है। इन दोनों को 3 मार्च तक अपना जवाब कोर्ट में देने का आदेश दिया गया है। साथ ही सुनवाई के समय दोनों अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने तोबित कुमार उर्फ तोबित यादव और मंटू यादव की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।
कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए क्यों नहीं कार्रवाई की इसकी पूरी जानकारी देने का आदेश गया के एसएसपी को दिया था। कोर्ट के आदेश पर एसएसपी ने जवाबी हलफनामा दायर कर बताया कि अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए निचली अदालत में गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन निचली अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी नहीं किया। इस पर कोर्ट ने गया के जिला जज से इस बारे में रिपोर्ट तलब की। गया के जिला जज की ओर से हाईकोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट चौंकाने वाली मिली।
जिला जज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन अभियुक्तों के लिए डेल्हा कांड संख्या 259/20202 मामले में डेल्हा थाना पुलिस ने कभी भी गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है। जिला जज का कहना था कि हत्या के प्रयास में दर्ज प्राथमिकी के लिए पुलिस को गैर जमानती वारंट के लिए आवेदन देने की कोई जरूरत नहीं है। बगैर कोर्ट के गैर जमानती वारंट आदेश के पुलिस को अभियुक्त को गिरफ्तार करने का पूरा अधिकार है। फिर भी डेल्हा पुलिस ने कोई आवेदन नहीं दिया।
रिपोर्ट भेजने के बाद जिला जज ने अपनी एक दूसरी रिपोर्ट हाईकोर्ट भेजी। जिसमें कहा कि डेल्हा पुलिस ने 15 फरवरी की शाम पौने पांच बजे गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए एक आवेदन दिया। इस पर न्यायिक अधिकारी ने उसी समय गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दे दिया। जिला जज की दोनों रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट ने एसएसपी के हलफनामा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस कोर्ट को गुमराह करने के बजाय सत्यता की जांच करती। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए गया के एसएसपी तथा डेल्हा थाना के एएसआई सत्यवीर सिंह को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया। साथ ही मामले पर सुनवाई के दौरान इन दोनों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया।