रेणुकूट से अंबिकापुर तक रेल जुड़ाव चेतना पदयात्रा के चौथे दिन यात्रा की शुरुआत प्रतापपुर से शुरू हुई जो खड़गवां होते हुए आगे बढ़ी। ग्राम पंचायत मायापुर द्वितीय (सोनगरा -खड़गवा रोड )में सर्वे के अनुसार प्रस्तावित रेलवे स्टेशन तक पहुंची। यहां विभिन्न ग्राम के लोगों ने यात्रा का स्वागत किया।हस्ताक्षर अभियान में बढ़-चढ़ कर लोगों ने हिस्सा लिया। यहां कई ग्राम पंचायतों के सरपंच, पूर्व सरपंच सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। यहां आमसभा का आयोजन ग्राम के लोगों द्वारा किया गया। संतोष बिहाडे ने कहा कि ऐसे गांव में जहां आवागमन के लिए बस की सुविधा बड़ी मुश्किल से मिलती है वहां पर रेलवे की सोच और उसे साकार करने के लिए पदयात्रा करना एक बड़ी एवं ऐतिहासिक सोच है। सरगुजा रेल संघर्ष समिति के सभी सदस्यों का जो इस कड़ी धूप में रेणुकूट से लगातार चल कर आज मायापुर द्वितीय में पहुंचे हैं यह हमारे लिए बड़ी बात है। मुकेश तिवारी ने कहा की इस गांव में सब्जी का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है जिसका निर्यात कर अच्छा पैसा अर्जित कर पाएंगे. किसानों का कहना है की बनारस जैसे शहरों में रेल के माध्यम से जाकर आसानी से इलाज करवा सकेंगे.सतीश तिवारी ने कहा कि हमें यहां से देश की राजधानी और धार्मिक नगरी काशी, प्रयागराज और अयोध्या तक जाने के लिए सुगम आवागमन का साधन चाहिए, जो रेल से बेहतर नहीं हो सकता। भूतपूर्व सरपंच शिवनंदन पैंकरा ने कहा कि रेल लाईन जब जुड़ेगी तो न सिर्फ आवागमन का साधन बढ़ेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार हर क्षेत्र में सुविधा मिलेगी।यह मायापुर द्वितीय ग्रामीण वासियों का सौभाग्य है कि रेलवे के सर्वे में यहां स्टेशन प्रस्तावित है।। इस दौरान पदयात्रियों में मुकेश तिवारी, अजय तिवारी, पीयूष त्रिपाठी, पंकज चौधरी, अंचल ओझा, समीर श्रीवास्तव, राहुल त्रिपाठी रेलवे संघर्ष पदयात्रा टीम सहित कार्यक्रम में मंडल उपाध्यक्ष शरद चंद्र द्विवेदी, विकेश जायसवाल, जय बहादुर सिंह, अनुराग द्विवेदी, टिबुल पैंकरा,गुलाब मिश्रा, संतोष मिश्रा, मन्नू मिश्रा, अश्विनी सिंह, तेज बहादुर सिंह सहित भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे. कार्यक्रम के पश्चात पदयात्रा मंजीरा के लिए प्रस्थान किया.