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रायपुर और दिल्ली में खुलेगा बस्तर कैफे, दरभा की कॉफी को मिलेगी देश में अलग पहचान

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रायपुर | छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर को देश दुनिया में एक नई पहचान बनने जा रही है। बस्तर की कॉफी का स्वाद अब देश की राजधानी दिल्ली में भी लिया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड ने देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी रायपुर में बस्तर कैफे शुरू करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि हाल ही में काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने रायपुर प्रवास के दौरान बस्तर की कॉफी की जमकर तारीफ की थी और उसकी इंटरनेशनल ब्रांडिंग करने की सलाह दी थी।

दिल्ली में मिलेगा बस्तर की कॉफी का स्वाद
छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में बस्तर और सरगुजा संभाग में चाय और कॉफी की खेती के रकबे में विस्तार करने और बस्तर में बनने वाली कॉफी की मार्केटिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों से एमओयू किए जाने का फैसला लिया है । बड़ी बात यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर में बनने वाली कॉफी की बिक्री , मार्केटिंग के लिए रायपुर और नई दिल्ली में बस्तर कैफे शुरू किए जाने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि बस्तर में उत्पादित कॉफी की बिक्री और सह-मार्केटिंग फिलहाल जगदलपुर में चल रहे बस्तर कैफे में ही की जा रही है।

सरकार के मंत्री रविन्द्र चौबे ने बस्तर समेत राज्य के सरगुजा संभाग के पठारी इलाकों में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए सर्वे कर प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने कहा है कि बस्तर में उत्पादित कॉफी के मार्केटिंग के लिए निजी कंपनियों से इस शर्त के साथ एमओयू किया जाए कि कॉफी के ब्रांडनेम में बस्तर का नाम जरूर शामिल होना चाहिए । कृषि मंत्री ने कोफ़ी की प्रोसेसिंग के लिए मशीन की स्थापना के लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था डीएमएम फंड से किए जाने की बात कही है । उन्होंने कृषि विभाग अधिकारियों को नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में भी कॉफी की खेती के लिए क्षेत्र चिन्हांकित करने के निर्देश भी दिए हैं ।

राहुल गाँधी ने लिया था बस्तर की कॉफी का स्वाद
हाल ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जब छत्तीसगढ़ दौरे पर आये थे। तब उन्हें बस्तर की कॉफी पिलाई गई थी, राहुल को कॉफी बेहद पसंद आई और उन उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को कॉफी की अंतराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने का सुझाव दिया था। सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि दरभा में 20 एकड़ में लगाए गए कॉफी प्लांटेशन से उत्पादन होने लगा है। प्रथम चरण में 8 क्विंटल कॉफी का उत्पादन हुआ है, जिसका उपयोग जगदलपुर में संचालित बस्तर कैफे के माध्यम से किया जा रहा है, जहां प्रतिदिन दो किलो कॉफी की खपत हो रही है। उत्पादित मात्रा के उपयोग एवं मार्केटिंग के लिए कम से कम तीन कैफे और प्रारंभ किए जा सकते हैं। बस्तर कॉफी की ब्रांडिंग के लिए रायपुर एवं दिल्ली में एक-एक कैफे शुरू किए जाने की बात कही गई।

दरभा ब्लाक के 13 गांवों में 1101 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित
मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर के दरभा में वर्ष 2021 में 55 एकड़ में कॉफी की खेती की गई है। बस्तर जिले में अभी कुल 5108 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है, जिसमें तोकापाल ब्लाक के 9 गांवों में 1075 एकड़, लोहांडीगुड़ा के 11 गांवों में 1027 एकड़, बस्तानार के 14 गांवों में 1445 एकड़, बकावण्ड के 7 गांव में 460 एकड़ में और दरभा ब्लाक के 13 गांवों में 1101 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है।

बस्तर में हर साल 1000 एकड़ में कॉफी की खेती करने का लक्ष्य
जानकारी के मुताबिक दरभा में कृषि महाविद्यालय जगदलपुर की तरफ 245 एकड़ में कॉफी प्लांटेशन की तैयारी पूरी कर ली गई है। उद्यानिकी विभाग द्वारा कॉफी बोर्ड बैंगलोर से चंद्रगिरी किस्म का 2.50 क्विंटल प्रमाणित बीज प्राप्त किए जाने की कार्यवाही की जा रही है, इससे 5 लाख पौधे तैयार किए जाएंगे, जिसका रोपण 500 एकड़ रकबे में किया जाएगा। इसी तरह कृषि महाविद्यालय जगदलपुर द्वारा कॉफी बोर्ड बैंगलोर से एक क्विंटल प्रमाणित बीज प्राप्त कर दो लाख पौधे तैयार किए जाएंगे। जिसका रोपण 200 एकड़ में किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर जिले में चाय कॉफी की खेती को बढ़ाने के लिए योजना बना चुकी है। बस्तर में हर साल 1000 एकड़ में कॉफी की खेती के विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार साल 2026 तक 5820 एकड़ में इसकी खेती होने लगेगी। सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिये कॉफी की खेती को बढ़ावा दिए जाने का कार्य किया जा रहा है।

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