दतिमा मोड़- ‘स्याह’ सड़कें खून से लाल हो रही हैं। दुर्घटनाओं की रफ्तार का रेड अलर्ट तक जा पहुंचा है। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह कि आखिर जानलेवा दुर्घटनाओं की बेलगाम कोयला परिवहन करने वाले ट्रेलर वाहन पर ब्रेक कैसे लगेगा इस सवाल का काफी हद तक जवाब देती हैं साथ में यातायात नियम यहां पर व्यवस्था की पोल खोल रही है। जहां एक ओर पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलिसेला के द्वारा सभी थाना-चौकी क्षेत्र में अभियान चलाकर सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लगाने के लिए नियम-कायदे को लेकर लगातार चालानी कार्रवाई कराई जा रही है तो दूसरी ओर इस अभियान में पानी फेरा जा रहा है जिससे पूरे पुलिस विभाग की किरकिरी हो रही है। आरटीओ विभाग के द्वारा समय-समय पर ट्रेलर संचालकों का बैठक ली जाती है। जिसमे फिट वाहनों को ही सड़क में चलने की अनुमति दी जाती है। लेकिन नियम-कायदों की परवाह नही है। ग्राउंड लेवल पर अपनी आंखों के सामने नियम टूटते देखने वाली आरटीओ भी अनजान बनकर बैठी हुई है। वारदात हो जाए तो बस रोजनामचा लेकर तैयार है।
जानकारी हो कि जगरनाथपुर से करंजी साइडिंग में पर लंबे समय से सड़कों पर दौड़ रहे कई कोल वाहनों में रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं और ट्रॉलियों में बैक लाइट न होने से रात में पीछे चलने वाले लोगों के साथ हादसे की संभावना रहती है। रात में ऐसे वाहनों से अधिक दिक्कत होती है आरटीओ, यातायात, पुलिस द्वारा काेई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे इन वाहन चालकों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं। बिना संकेत में सड़क किनारे भारी वाहन खड़ा देते है। ड्राइवर-खलासी कहीं दूसरी जगह आराम फरमाने लगते हैं। पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन खड़े भारी वाहन में टक्कर मार देते हैं, जिससे कभी-कभी काफी जान-माल का नुकसान होता है। इस मार्ग से लोगों का रात भर आना-जाना लगा रहता है। खड़ी वाहनों में रात के समय साइड लाइट न हाेने से अंधेरा रहता है जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका है। इस व्यवस्था के पीछे वाहन मालिक तो कसूरवार हैं ही लेकिन उससे ज्यादा दोषी पुलिस व प्रशासन है। सब कुछ जानते व देखते हुए भी वे ऐसे ट्रेलर वाहन पर कोई लगाम नहीं लगाते। उल्टे भगवान भरोसे चौक-चौराहों पर ड्यूटी में तैनात पुलिस मुकदर्शक बना रहती है।
पिछले दिनों ट्रेलर की ट्रालियों पर रेडियम लगाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद यह अभियान फिर ठंडा हो गया है। पीछे संकेतक के लिए रेडियम व लाइट नहीं होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती हैं। प्रत्येक रोज की रात्रि में दतिमा से अम्बिकापुर मार्ग अर्थव फ्यूल्स व जानकी फ्यूल्स के सामने सहित नावापारा चौक, राई अटल चौक लटोरी, करवा, करसु, कसकेला मुख्य सड़क पर कोयला वाहन बिना साइड लाइट जलाए खड़े कर दिए जाते हैं। इस कारण दो पहिया वाहन चालकों को इसकी जानकारी नहीं लग पाती है। जो हादसों का कारण बन जाते हैं। टेलर ट्रॉलियों के पीछे किसी तरह के लाइट नहीं होने के कारण उनके रूकने का पीछे वाले वाहनों को आभास नहीं हो पाता है। कई बार देर रात चौराहों पर वाहन ट्राली न दिखने से लोग टकराते-टकराते बच जाते है।
मार्ग पर है मुख्य बाजार, लोगों की लग रहती है भीड़
इस मार्ग से होकर स्कूल, अस्पताल, मुख्य बाजार लोगों का आना-जाना लगा रहता है। दिन-रात लगातार धड़ल्ले से करंजी साइडिंग में चल रहे भारी वाहनाें के आवागमन से लाेगाें काे दुर्घटना का भय बना रहता है। जबकि इस मार्ग पर भारी वाहनों पर आवागमन की भी पाबंदी है सड़कों की दयनीय स्थिति हो गई है आधी सड़क इनके कब्जे में हमेशा रहा करती है और सड़क भारी वजनी ट्रेलर वाहन चलने के लिए पाबंदी है और बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
लोग सुरक्षित नहीं, हो सकती है दुर्घटना
इस मार्ग से बच्चों बिना सुरक्षा संकेत के वाहनों का पार्किग करते रहते है, जिसके चपेट में कभी भी कोई आ सकता है। खासकर नई स्कूटी चलाने वाली महिला, बुजुर्ग व तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले युवा वर्ग भी इन वाहनों की चपेट में आ सकते हैं।
डीजल चोरी का मामला सामने
पूरे क्षेत्र में डीजल चोरी का अजब-गजब मामले सामने आते हैं। रात में गाड़ी खड़ा कर वाहन चालक खुद बड़े-बडे व्यापारियों से डीजल चोरी कराया करते हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगते हैं। ज्ञात हो कि रात में वाहन खड़ा करते है दूसरे दिन सुबह जब गाड़ियों के आसपास डीजल फैला हुआ रहता है। लिहाजा डीजल चोरी धड़ल्ले से जारी है।
चलाई जाएगी अभियान
आपके जरिये जानकारी मिली है। रात्रि में मुख्य मार्ग पर बड़ी वाहन खड़ा करने का प्रावधान नहीं है। वाहनों में बैक लाइट व रेडियम नहीं लगे हुए हैं तो ऐसे में चालकों को चेतावनी दी जाएगी। अभियान चलाकर कार्रवाई भी करेंगे। व्यवस्था जल्द सुधार ली जाएगी।
बृजेश पांडेय
यातायात प्रभारी सूरजपुर।