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यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ राजनांदगांव की लड़की जनसेवक आफताब आलम के प्रयासों से सुरक्षित पहुंची अपने घर…

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राजनादगांव-जनसेवक आफताब आलम के प्रयासों से छत्तीसगढ़ राजनांदगांव मानपुर की एक लड़की यूक्रेन में सुरक्षित है। जनसेवक आफताब आलम को जैसे ही इसकी जानकारी हुई। उसने तुरंत ही भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संयुक्त सचिव से संपर्क साधा और छत्तीसगढ़ राजनांदगांव के लड़की की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रपति भवन सचिवालय की मदद से यूक्रेन में इंडियन एंबेसी तक यह बात पहुंचाई गई। इसके बाद तत्काल परेशान राजनांदगांव मानपुर की बेटी तक मदद पहुंची और वह अब इंडियन एंबेसी के साथ सुरक्षित है। बता दें की यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में बच्चे जाते हैं इन्हीं में से एक छत्तीसगढ़ निवासी आयशा जॉर्ज भी है। 19 वर्षीय आयशा जॉर्ज राजनांदगांव के मानपुर में रहती है यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ने के बाद वहां फंस गई। यूक्रेन से आयशा जॉर्ज ने अपने परिजनों को वहां के हालात बताएं और जल्द से जल्द वहां से निकलने में मदद की गुहार लगाई। आयशा जॉर्ज के फोन के बाद उसके माता-पिता काफी परेशान हो गए। इसके बाद आयशा जॉर्ज के माता-पिता ने मानपुर के सीईओ डीडी मांडले से संपर्क किया और अपनी बेटी की पूरी जानकारी दी। मानपुर सीईओ डीडी मांडले ने पूरी जानकारी अपने जिले के कलेक्टर व एसपी को दी। साथ ही व्हाट्सएप के जरिए छत्तीसगढ़ भिलाई 3 निवासी जनसेवक आफताब आलम को भी इसकी पूरी जानकारी देते हुए कहा कि आप इनकी बेटी को वापस लाने में मदद करें। जनसेवक आफताब आलम को यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ जिला राजनांदगांव मानपुर की 19 वर्षीय बेटी आयशा जॉर्ज के बारे में बताया। उसके बाद जनसेवक आफताब आलम ने आयशा जॉर्ज के माता-पिता से संपर्क कर अपने स्तर पर विभिन्न जानकारियां ली और बेटी का व्हाट्सएप नंबर लेकर सीधे उससे संपर्क कर हिम्मत दी। इसके बाद जनसेवक आफताब आलम ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव से फोन पर बात की और आयशा जॉर्ज की पूरी जानकारी देकर मदद की अपील की राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव ने भरोसा दिलाया और 1 घंटे के अंदर ही फॉरेंसिक मिनिस्ट्री एक्सटर्नल अफेयर और इंडियन एंबेसी को सूचित किया और तत्काल कार्रवाई के लिए भी कहा। थोड़े देर बाद ही जनसेवक आफताब आलम को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली से फोन आया जिसमें कहा गया कि आप की जानकारी आगे भेज दी गई है आप निश्चिंत रहें। इसके कुछ घंटों बाद ही यूक्रेन में फंसी आयशा जॉर्ज ने जनसेवक आफताब आलम को मैसेज कर बताया कि इंडियन एंबेसी ने उससे संपर्क किया है। आयशा जॉर्ज ने बताया कि उन्होंने इंडियन एंबेसी को अपनी सारी जानकारी दी। उसने बताया कि कॉलेज के 7 विद्यार्थी भी साथ में हैं जो भारत के विभिन्न राज्यों के हैं। पूरी तरह जानकारी लेकर इंडियन एंबेसी ने कुल 8 विद्यार्थियों के लिए 2 कार भेजी और सुरक्षित तरीके से पोलैंड की सीमाओं तक लाया गया छत्तीसगढ़ राजनांदगांव मानपुर की बेटी आयशा जॉर्ज ने अपने 7 मित्रों के साथ सेल्फी लेकर जनसेवक आफताब आलम भेजी। सेल्फी देखने के बाद जनसेवक आफताब आलम ने इसकी जानकारी आयशा जॉर्ज के माता-पिता व मानपुर सीईओ डीडी मांडले को फोन कर दी। उन्होंने कहा कि आपकी बेटी पोलैंड में बिल्कुल सुरक्षित है और इंडियन एंबेसी के संपर्क में हैं। अब उन्हें अपने देश भारत लाने की तैयारी चल रही है अगले दिन आयशा जॉर्ज ने जनसेवक आफताब आलम को मैसेज कर बताया कि उन्हें उनके 7 मित्रों के साथ दिल्ली पूरी सुरक्षित तरीके से लाया गया और आयशा जॉर्ज दिल्ली आने के बाद कुछ ही घंटों में ही अपने घर आने के लिए छत्तीसगढ़ रायपुर की फ्लाइट पकड़ी और रायपुर आई और फिर रायपुर से अपने परिजनों के साथ अपने घर राजनांदगांव मानपुर चले गई। घर जाकर आयशा जॉर्ज ने अपने माता पिता के साथ एक फ़ोटो लेकर जनसेवक आफताब आलम को व्हाट्सएप के जरिए भेजा। आयशा जॉर्ज एवं उनके माता पिता ने जनसेवक आफताब आलम के इस प्रयास की खुलकर सहारना की है। बता दें कि जनसेवक आफताब आलम को 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार एवं प्रदेश के विभिन्न स्तरों में सम्मान प्राप्त हो चुका है। दो बार गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व दो बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं एक बार एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल हों चुका है। जनसेवक आफताब आलम ने कहा आप सबका साथ ही मेरी असली ताकत है।

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