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युक्तियुक्तकरण की विसंगति को लेकर डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी से मिला टीचर्स एसोसिएशन

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सूरजपुर :- छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी, सहायक संचालक आशुतोष चावरे, सहायक संचालक अशोक नारायण बंजारा को ज्ञापन सौंपकर क्रमोन्नत वेतनमान देने का जनरल आदेश जारी करने एवं युक्तियुक्तकरण नियम में संशोधन करने की मांग की है। डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी का अभिनंदन भी किया गया, चर्चा में उन्होंने सभी मांग पर सूक्ष्मतापूर्वक अवलोकन पश्चात विभागीय निर्णय लिए जाने की बात कही।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह,प्रदेश प्रचार सचिव अजय सिंह,प्रदेश संगठन सचिव मुकेश मुदलियार, जिलाध्यक्ष भूपेश सिंह के द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय डबल बैंच के प्रकरण क्रमांक WA No. 261 of 2023 निर्णय तथा सामान्य प्रशासन विभाग छ ग शासन के आदेश क्रमांक एफ 10–1/2006/1–3 दिनांक 24 /4/2006 के आदेश व सामान्य प्रशासन विभाग छ ग शासन के आदेश क्रमांक एफ 10–1/2006/1–3 दिनांक 10/03/2017 के आदेश था छत्तीसगढ़ शासन वित्त एवं योजना विभाग के आदेश क्रमांक 233/वित्त/ नियम/चार/09 दिनांक 10 अगस्त 2009 के आदेश को संलग्न कर ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें मांग किया गया है कि सोना साहू के पक्ष में हुए उच्च न्यायालय के डबल बैंच के प्रकरण क्रमांक WA No. 261 of 2023 के तहत क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने का निर्णय किया गया है।सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 24 /4/2006 व दिनांक 10/03/2017 को क्रमोन्नत वेतनमान के लिए 10 वर्ष में प्रथम व 20 वर्ष में द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदान करने का जारी आदेश के तहत प्रदेश में कार्यरत सभी एल बी संवर्ग के लिए आदेश जारी किया जावे।छत्तीसगढ़ शासन वित्त एवं योजना विभाग द्वारा 10 अगस्त 2009 के आदेश जिसमे एक विभाग से दूसरे विभाग में समान वेतनमान अथवा भिन्न वेतनमान के पद पर संविलियन होने पर पहले विभाग की सेवा अवधि समयमान वेतन के लाभ हेतु गणना में शामिल करने का प्रावधान किया गया है, अतः छत्तीसगढ़ शासन वित्त एवं योजना विभाग द्वारा 10 अगस्त 2009 के आदेश का लाभ एल बी संवर्ग के समस्त शिक्षकों को दिए जाने का जनरल आदेश जारी किया जावे।पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, न्यूनतम पेंशन एवं पूर्ण पेंशन के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से लाभ प्रदान किया जावे। *युक्तियुक्तकरण नियम मे संशोधन का ज्ञापन -* छ.ग.शासन, स्कूल शिक्षा विभाग का क्र.एफ.2-24/2024 /20-तीन नवा रायपुर दिनांक 02/08/2024 एवं 28 अप्रैल 2025 के आदेश के तहत स्कूल शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्रक्रियाधीन युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी संदर्भित निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित, शिक्षक व पालक हितों के प्रतिकूल है, अतः स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम मे संशोधन करने हेतु निम्नलिखित सुझाव तथा मांग पत्र टीचर्स एसोसिएशन द्वारा प्रस्तुत किया गया है -प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे।2008 के सेटअप जिसमें न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक पदस्थ करने का नियम बनाया गया था, और इसी के आधार पर भर्ती व पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, एक पद घटाने से एक शिक्षक तो स्वमेव अतिशेष हो जाएंगे यह नियम व्यवहारिक नही है,तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है, अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर भी एक प्रधान पाठक एवं चार शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।2008 के सेटअप में प्राथमिक शाला में न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधान पाठक व दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत किया गया था, वर्तमान में एक पद कम कर दिया गया है यह व्यवहारिक नही है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उलंघन है, अतः 2 अगस्त 2024 के युक्तियुक्तकरण नियम में न्यूनतम विद्यार्थी संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक का सेटअप स्वीकृत किया जावे।प्रधान पाठक का पद समाप्त करने वाला इस युक्तियुक्तकरण नियम से सहायक शिक्षक व शिक्षक की पदोन्नति 50% तक कम होगी, इससे शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर कम होंगे जो पूर्णतः अनुचित है। प्रत्येक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला का स्वतंत्र अस्तित्व हो जिसके नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था के लिए स्वतंत्र प्रधान पाठक जरूरी है, इससे सहायक शिक्षक व शिक्षकों को पदोन्नति भी मिलेगी।बालवाड़ी संचालित स्कूलों में बालवाड़ी 1 व प्राथमिक 5 कुल 6 कक्षा के संचालन हेतु न्यूनतम संख्या में भी 1 अतिरिक्त सहायक शिक्षक दिया जावे। युक्तियुक्तकरण नियम 2 अगस्त 2024 के क्रियान्वयन हेतु 28 अप्रैल 2025 को जारी आदेश से शाला में पदों की संख्या कम किया गया है इससे नई भर्ती नही होने से प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ भी अन्याय होगा।स्वामी आत्मानंद शालाओ में प्रतिनियुक्ति के शिक्षकों व शालाओ पर नियम की प्रभावशीलता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।युक्तियुक्तकारण से उच्चतर विद्यालय में काम का बोझ बढ़ जाएगा जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन सही तरीके से नही हो पायेगा। इस पूरी प्रकिया में समय / शासकीय सम्पत्तियो (रिक्त भवन जो खंडहर हो सकता है) एवं छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात होगा। एक ही परिसर में उच्चत्तर शाला में निचले शाला को मर्ज करना स्वतंत्र शाला के नियंत्रण व शिक्षण व्यवस्था पर विपरीत असर डालेगा। प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला में न्यूनतम शिक्षक संख्या घटाया गया है इससे इन शालाओ के शिक्षण स्तर में गिरावट आएगा। जिस शाला में अतिथि शिक्षक कार्यरत है उन्हें पहले अतिशेष माना जावेशाला मर्ज करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र के लिए निर्धारित विद्यार्थी संख्या का मापदंड विसंगतिपूर्ण है ।स्कूल शिक्षा विभाग भविष्य में भी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में एकतरफा आदेश निर्देश जारी करने से पहले कर्मचारी संगठनों से चर्चा कर सर्वसम्मत व प्रभावी कदम उठाए।

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