आध्यात्मिक तरीके का उपयोग कर वन विभाग ने हाथी दांत खोज निकाला तीन ग्रामीण भी गिरफ्त में.।
सूरजपुर ,डॉ प्रताप नारायण सिंह: 18 दिनों पूर्व प्रतापपुर वन क्षेत्र अंतर्गत दरहोरा के जंगल में कक्ष क्रमांक 101 पर एक दंतैल हाथी की सड़ी गली अवस्था में मृत पड़े रहने की सूचना वन विभाग को मिली थी। मृत हाथी का मुआयना करने हेतु सीसीएफ अनुराग श्रीवास्तव समेत डीएफओ सूरजपुर दिलेश्वर साहू उप वन मंडल अधिकारी बीके लाकड़ा वन परीक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर पीसी मिश्रा पहुंचे थे, जहां पता चला कि मृत हाथी दंतैल हाथी था जिसकी मृत्यु करीब 10 दिनों पूर्व आकाशीय बिजली गिरने से नैसर्गिक रूप से हो गई है। और उसके दोनों दांत गायब हैं, वन मंत्री मोहम्मद अकबर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी नरसिम्हा राव के मॉनिटरिंग में कुशल मार्गदर्शन में गायब हुए हाथी दांत की खोजबीन की जा रही थी।
इसी तारतम्य में मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वृक्ष अनुराग श्रीवास्तव, डीएफओ सूरजपुर तथा उप वन मंडल अधिकारी प्रतापपुर के मार्गदर्शन में घटनास्थल के समीपस्थ ग्राम धनोरा के आसपास में संदेही व्यक्तियों के नाम से सर्च वारंट काटकर लगातार 15 दिनों तक हाथी दांत का खोजबीन किया जा रहा था किंतु किसी प्रकार का सुराग नहीं मिल रहा था। ग्रामीण स्तर पर तब तांत्रिक तथा आध्यात्मिक दबाव बनाते हुए ग्राम दरहोरा में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें खोपा देव भगवान के नाम से प्रत्येक ग्रामीणों से चावल छूकर जमा करना प्रारंभ किया गया और उसे गांव के बैगा के माध्यम से सभी ग्रामीणों ने खोपा धाम ले जाने की बात कही, यह सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई इसी बीच सूचना मिली की ग्राम धुमाडाढ़ निवासी उदित लाल आत्मा शिव प्रसाद द्वारा दरहोरा के पास लाकर फेंक दिया गया है इस पर वन अमले ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रेंजर प्रतापपुर की अगुवाई में दो टीम का गठन किया तथा धूमाडांड की ओर रवाना होते हुए उदित लाल को पकड़ कर लाया गया जहां पर उदित लाल ने हाथी दांत फेंकने की बात कही और बताया कि उसने हाथी दांत को अपने घर के पीछे पैरा में छुपा कर रखा था हाथी दांत चोरी करने में उदित लाल के साथ धुमाडांड के ही अभय कुमार एवं दरहोरा के परदेसी जो उदित लाल का ससूर है इन्हें भी पकड़ा गया है, इन ग्रामीणों के ऊपर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस कार्यवाही में वनपाल शैलेश कुमार गुप्ता, वनपाल शीलू मिंज, वनपाल विजय कुजुर, वनपाल प्रेम कांत तिवारी, वनपाल मानसिंह वनरक्षक अनिल सिंह, मंजुला नायक, अमरनाथ रवि इन सभी ने कड़ी मेहनत की जिससे वन अमलेे को इतनी बड़ी सफलता मिली।