नई दिल्ली: कोरोना वायरस तीसरी लहर के बीच भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वैक्सीन तैयार करने का दावा किया है जो कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो सकती है। काजी नजरूल विश्वविद्यालय, आसनसोल और भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, भुवनेश्वर के वैज्ञानिकों ने एक पेप्टाइड वैक्सीन तैयार किया है, जिसको लेकर दावा है कि वो भविष्य में कोरोना वायरस के किसी भी वैरिएंट के खिलाफ बीमारी से रक्षा कर सकता है।
वैज्ञानिकों के रिसर्च को जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर लिक्विड्स ने प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया है। रिसर्चरों ने कहा कि इस हमने ऐक ऐसे मल्टी-एपिटोप मल्टी-टारगेट काइमेरिक पेप्टाइड जो कोरोना वायरस के सभी छह मेंबर (hCoV-229E, hCoV-HKU1, hCoV-OC43, SARS-CoV, MERS-CoV) के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने में सक्षम होगा। काजी नजरूल विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट चौधरी और सुप्रभात मुखर्जी और आईआईएसईआर, भुवनेश्वर के पार्थ सारथी सेन गुप्ता, सरोज कुमार पांडा और मलय कुमार राणा ने कहा, डिज़ाइन किया गया टीका अत्यधिक स्थिर, एंटीजेनिक और इम्यूनोजेनिक पाया गया। चौधरी ने कहा कि रिसर्चरों की टीम ने कम्प्यूटेशनल मेथड के जरिए यह वैक्सीन विकसित की है और अगले चरण में वैक्सीन का प्रोडक्शन शामिल होगा। जिसके बाद इसकी टेस्टिंग शुरू की जाएगी। चौधरी ने पीटीआई से कहा, यह टीका अपनी तरह का अनूठा है। दुनिया में कोई अन्य टीका एक ही समय में कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट से निपटने के लिए तैयार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं ने पहले छह अलग-अलग वायरस के स्पाइक प्रोटीन में विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों की पहचान की थी जो बहुत कम उत्परिवर्तन से गुजरते हैं और इस तरह महामारी के दौरान थोड़ा बदल जाते हैं।