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भारतीय वन सेवा के तेजतर्रार युवा आई एफ एस मनीष कश्यप पुनः बहाल, आरोप निराधार साबित हुए

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रायपुर ,डॉ प्रताप नारायण सिंह:– भारतीय वन सेवा के तेजतर्रार युवा आई एफ एस जिन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश में मानव निर्मित वानिकी तैयार करने की जापानी तकनीक मियावाकी का सफलतम प्रयोग बतौर डीएफओ भानूपतापपुर जिले में करके सुर्खियों में आए थे। कालांतर में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मियावाकी तकनीक के लिए दुर्ग संभाग में वन अमले को प्रोत्साहित किया था, मनीष कश्यप को जब सूरजपुर की कमान सौंपी गई तब प्रकृति प्रेमियों और जिले वासियों में एक आस की किरण जगी थी कि उन्हें एक तेजतर्रार आईएफएस मिला है जो जिले में वनों की कटाई पर अंकुश लगा सकेगा साथ ही जिले के वन अमले में प्रशासनिक कसावट भी आएगी किंतु अपनी पदस्थापना से महज कुछ दिनों बाद ही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आवर्ती चढ़ाई योजना में अनियमितता की जन शिकायत पर जो काम इनके कार्यकाल के पहले का था निलंबन का शिकार बन गए।


प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 2015 बैच के आई एफ एस अधिकारी मनीष कश्यप को विभाग ने दीपावली से पहले बहाली का तोहफा दिया है और उनका निलंबन खत्म कर दिया गया।
सनद रहे कि सूबे के मुखिया भूपेश बघेल 6 मई को सूरजपुर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जब भेंट मुलाकात का कार्यक्रम चल रहा था इसी बीच प्रदेश के मुखिया से आवर्ती चराई योजना में अनियमितता की शिकायत मिली थी जिसके आधार पर वर्तमान सूरजपुर डीएफओ मनीष कश्यप थे शिकायत के आधार पर प्रदेश के मुखिया श्री बघेल ने सूरजपुर डीएफओ मनीष कश्यप को तथा रेंजर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए थे चूंकि बाद में ये जानकारी सामने आई कि सूरजपुर डीएफओ मनीष कश्यप की पोस्टिंग से पहले कार्य में अनियमितता हुई थी मनीष कश्यप को जो आरोप पत्र जारी किया गया था उसके जवाब से संतुष्ट होने और पीसीसीएफ के अभिमत के आधार पर राज्य सरकार व वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने पुनः बहाल करने का निर्णय लिया है।

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