सूरजपुर।ग्राम केवटाली निवासी स्व. राजेंद्र प्रसाद प्रजापति (उम्र 25 वर्ष) की आत्महत्या मामले में परिवार लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है। मृतक के पिता देवलाल प्रजापति ने 05 अगस्त 2025 को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को आवेदन प्रस्तुत कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।परिजनों का आरोप है कि FIR दर्ज होने और आवेदन देने के बावजूद अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस कार्रवाई की धीमी रफ्तार और विवेचना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।मोबाइल पर बातचीत में थाना भटगांव में पदस्थ हेड कांस्टेबल हीरालाल बाकला ने स्वीकार किया कि –
“एसपी ऑफिस से हमारे पास अब तक कोई जानकारी नहीं आई है।”यह बयान स्पष्ट करता है कि एसपी ऑफिस और थाना स्तर के बीच समन्वय की भारी कमी है।दो महीने से अधिक का समय बीत चुकापरिजनों का कहना है कि घटना को दो महीने से अधिक हो चुका है, लेकिन विवेचना अधिकारी अब तक मृतक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट की हस्तलेखन (हेडराइटिंग) जांच तक पूरी नहीं करा पाए हैं। जबकि न्यायालयीन दस्तावेजों में मृतक के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
सवाल उठता है – आखिर इतनी लंबी अवधि में भी पुलिस मृतक की लिखावट की पुष्टि क्यों नहीं कर पाई?
गंभीर सवाल खड़े होते हैं –जब सुसाइड नोट में नाम साफ-साफ लिखे गए हैं तो गिरफ्तारी क्यों नहीं? FIR दर्ज होने के बाद भी विवेचना अधिकारी मामले को क्यों लटकाए हुए हैं? क्या पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है? मृतक की हेडराइटिंग जांच अब तक क्यों लंबित है? आखिर कब तक मृतक का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकेगा?
परिजनों की पीड़ा
परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस की यह देरी और लापरवाही यूँ ही जारी रही तो आम जनता का विश्वास प्रशासन से उठ जाएगा।वहीं, थाना प्रभारी का कहना है कि –”एसपी ऑफिस से हमारे पास कॉपी आई है और हम जांच कर रहे हैं।”उन्होंने आगे यह भी कहा कि –”दो-तीन दिन पहले ही हमारे पास एसपी ऑफिस से कॉपी आया है।”इस विरोधाभास ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर और गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।