भटगांव क्षेत्र के रिहायशी इलाके में धंसी जमीन एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही उजागर वार्ड वासियों में भारी आक्रोश
भटगांव (डॉ प्रताप नारायण सिंह) एसईसीएल भटगांव क्षेत्र खदान प्रभावित रिहायशी इलाका जो नगर पंचायत भटगांव के वार्ड क्रमांक 8 में स्थित है वहां तड़के करीब 4 बजे जमीन धसकने का मामला सामने आया है,,, जहां यह जमीन धंसकी है यह नगर पंचायत भटगांव के वार्ड क्रमांक 8 का रिहायशी इलाका है इसके ठीक सामने आंगनबाड़ी केंद्र के साथ वार्ड वासियों के पानी भरने का टैंक एवं बाजू में बाजार पारा और वार्ड क्रमांक 8 का मुख्य मार्ग स्थित है। सनद रहे कि इसके पूर्व भी करीब 6 स्थानों पर जमीन धंसक चुकी है,, कई स्थानों पर तो लोगों द्वारा पेयजल की सुविधा के लिए कराए गए बोरिंग का समर्सिबल पंप तक खदान में गिर चुका है,,,,,,,
एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही उजागर:—- क्षेत्र जहां जमीन धसकने की घटना हुई है यह भटगांव क्षेत्र की 1,2 भूमिगत परियोजना खदान का प्रभावित क्षेत्र है जहां से कोयले का उत्खनन किया जा चुका है और यह बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र में है इसकी जानकारी एसईसीएल के सर्वे विभाग एवं खदान के जिम्मेदार अधिकारियों को भलीभांति है उसके बावजूद 30 वार्ड का रिहायशी इलाका अभी तक मुआवजा की वजह से विस्थापित नहीं किया गया है ऐसे में कभी भी कोई भारी दुर्घटना हो सकती है,,चूंकि खान प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी एसईसीएल के स्थानीय प्रबंधन की होती है इस घटना से वार्ड वासियों में दहशत का माहौल है जिसके लिए एसईसीएल पूरी तरह से जिम्मेदार है यदि समय रहते वार्ड वासियों को विस्थापित नहीं किया गया तो भविष्य में जान माल की हानि हो सकती है।
हो सकती थी बड़ी जनहानि,:- जहां यह हादसा हुआ है उसी स्थान पर रोज मासूम बच्चे आंगनवाड़ी में आते हैं इसके साथ ही जमीन धसकने वाली जगह से चंद दूरी पर नगर पंचायत का पानी टंकी लगा हुआ है जहां सैकड़ों की संख्या में वार्ड वासी मौजूद रहते हैं,,,,
इस घटना से पूरे नगर में अफरा तफरी मची हुई है इस मामले में घटनास्थल पर मौजूद नगर पंचायत अध्यक्ष सूरज गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि यदि समय रहते एसईसीएल प्रबंधन यहां के वार्ड वासियों को मुआवजा और विस्थापन के मामले में गंभीर नहीं होता है भविष्य में भी कोई दुर्घटना होती है तो इसनी पूर्ण जिम्मेदारी एस ई सी एल प्रबंधन की होगी।
अब देखना होगा एसईसीएल भटगांव क्षेत्र का प्रबंधन इस गंभीर व संवेदनशील मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और जानमाल की रक्षा लोगों के विस्थापन की कार्यवाही करता है या किसी बड़े हादसे के इंतजार में रहता है यह तो देखने वाली बात होगी।