बिहार में सरकार की वादाखिलाफी:कोरोना से 42 डॉक्टरों ने जान गंवाई; 41 को न तो PM के ऐलान का 50 लाख मिला, न CM का कहा 4 लाख
कोरोना वॉरियर्स! जिनके नाम पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा कराई गई। जो भीषण गर्मी में PPE किट में पसीने से तरबतर होकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सेवा में लगे रहे। जिन्हें दूसरों की सेवा करते-करते मौत मिली तो अपनों का कंधा तक नसीब नहीं हुआ। बिहार में ऐसे डॉक्टरों के परिवार से केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से वादाखिलाफी की गई है।
राज्य में कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए 42 डॉक्टरों की मौत हुई, लेकिन इनमें से अब तक एक को ही यह मुआवजा मिला है। केंद्र की मोदी सरकार ने इनके परिवारों को 50-50 लाख रुपए और राज्य की नीतीश सरकार ने 4-4 लाख रुपए देने का ऐलान किया था।
जान की नहीं की परवाह, हर दिन कोरोना से लड़ाई
राज्य में डॉ अविनाश कुमार की पिछले साल 28 जून को मौत हुई थी। कोरोना से जान गंवाने वाले वे बिहार के पहले डॉक्टर थे। वे वैशाली के करणपुरा गांव के रहने वाले थे और समस्तीपुर के दलसिंहसराय में इलाज के दौरान संक्रमित हुए थे। उनके परिजन को अभी तक सरकारी मदद का पैसा नहीं मिला है। पटना एम्स में बिहार के दूसरे डॉक्टर डॉ अश्वनी नंदकुलियार की मौत 13 जुलाई को हुई थी। वे गया के रामानंदपुर के रहने वाले थे।
जुलाई में इन 9 डॉक्टरों की भी हुई मौत
डॉक्टर का नाम | कहां हुई मौत | कहां के थे रहनेवाले | कब हुई मौत |
डॉ जीएन सिंह | पटना AIIMS | अररिया के रानीगंज | 21 जुलाई |
डॉ अवधेश प्रसाद सिंह | पटना के प्राइवेट अस्पताल में | पटना के मसौढ़ी | 24 जुलाई |
डॉक्टर महेंद्र चौधरी | पटना AIIMS | सुपौल | 24 जुलाई |
डॉ मिथिलेश कुमार सिंह | पटना AIIMS | राजेंद्रनगर | 24 जुलाई |
डॉ डीएन चौधरी | पटना AIIMS | मुंगेर | 25 जुलाई |
डॉ नागेंद्र प्रसाद | पटना AIIMS | पूर्वी चंपारण | 30 जुलाई |
डॉ मेजर एके सिंह | पटना AIIMS | मुजफ्फरपुर | 30 जुलाई |
डॉ के रंजन कुमार | पटना AIIMS | जहानाबाद | 30 जुलाई |
डॉ गोविंद प्रसाद | पटना AIIMS | मुजफ्फरपुर | 30 जुलाई |
अगस्त 2020 में 10 डॉक्टरों की मौत
डॉ मनोज कुमार वर्मा | पटना | पटना के कंकड़बाग | 2 अगस्त |
डॉ परमानंद कुमार | पटना | MOIC पटना सदर | 5 अगस्त |
डॉ आरबी झा | 5 अगस्त | ||
डॉ संजीव कुमार | पटना एम्स | मुजफ्फरपुर | 6 अगस्त |
डॉ दीनानाथ पोद्दार | पटना AIIMS | कटिहार | 7 अगस्त |
डॉ अवध किशोर प्रसाद | दरभंगा | 13 अगस्त | |
डॉ आनंद शंकर | पटना AIIMS में | दुरौंधा छपरा | |
डॉ वीबीपी सिन्हा | पटना AIIMS | मुजफ्फरपुर | 23 अगस्त |
डॉ दीपक कुमार | 23 अगस्त | ||
डॉ शीला आजाद | मधुबनी | 23 अगस्त |
सितंबर 2020 में 4 डॉक्टरों की मौत
बिहार में सितंबर 2020 में 4 डॉक्टरों की मौत हुई है। इसमें बिहार के स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ डॉ यूपी वर्मा का नाम भी शामिल है। पटना में भी इलाज के दौरान AIIMS में कोरोना से संक्रमित डॉक्टर की मौत हो गई। बेगूसराय के डॉ राम नरेश सिंह, पूर्वी चंपारण के डॉ अनिल कुमार गुप्ता की मौत भी सितंबर 2020 में हुई थी।
अक्टूबर और नवंबर में 7 मौत
पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में 7 डॉक्टरों की मौत कोरोना के कारण हुई है। बिहार शरीफ के रहने वाले डॉ दिनेश कुमार, पटना के रहने वाले डॉ अरुण मुरारी और पटना के ही डॉ अरुण चौधरी की मौत अक्टूबर 2020 में हुई थी। कटिहार के रहने वाले डॉक्टर अरुण कुमार की मौत 29 अक्टूबर 2020 को पटना के रुबन हॉस्पिटल में हुई थी। गोपालगंज के डॉ राजेंद्र ठाकुर की मौत 3 नवंबर को हुई थी। भूतनाथ रोड, पटना के रहने वाले डॉ प्रमोद कुमार गौतम की मौत 4 नवंबर को पटना में हुई थी। मुजफ्फरपुर के डॉ कमलेश शर्मा की मौत 8 नवंबर को इलाज के दौरान पटना में हुई थी। मुंगेर के डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिन्हा की मौत भी इलाज के दौरान पटना में हुई।
दिसंबर-जनवरी में 6 और मौतें
मुजफ्फरपुर की रहने वाली डॉ उर्मिला सिन्हा की मौत 14 दिसंबर 2020 को हुई। मुजफ्फरपुर के डॉ सुरेश कुमार की मौत 20 दिसंबर को पटना में हुई। पटना की चर्चित डॉक्टर शांति एच के सिंह की मौत भी कोरोना से संक्रमित होने के कारण हुई। वह पटना के कंककड़बाग की रहने वाली थी, इलाज के दौरान पटना एम्स में 9 जनवरी को उनकी मौत हुई। पटना के प्रमुख डॉक्टर डत्पलकांत की भी इलाज के दौरान मौत हुई। पटना के डॉ श्रीरमन प्रसाद और पटना के ही डॉक्टर हरीश सिन्हा की भी मौत इलाज के दौरान हुई है।
समस्तीपुर के डॉक्टर के परिवार को मिली सरकारी मदद
डॉ रति रमन झा समस्तीपुर के सिविल सर्जन थे। ड्यूटी के दौरान ही संक्रमित हुए और इलाज के दौरान पटना AIIMS में 27 जुलाई 2020 को उनकी मौत हो गई। परिजन का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से किए गए 50 लाख के दावे का क्लेम भी मिला और प्रदेश सरकार की तरफ से 4 लाख की अनुग्रह राशि मिली।
परिवार वालों का कहना है कि लगभग डेढ़ महीने के अंदर ही बैंक अकाउंट में यह पैसा आ गया था। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान परिजन ने कहा कि इसके लिए उन्हें कहीं भी भटकना नहीं पड़ा था।
मांग करते थक गया IMA, कोरोना वॉरियर्स को मरने के बाद भी न्याय नहीं
पड़ताल के दौरान जब दैनिक भास्कर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बिहार के सेक्रेटरी डॉ सुनील कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा मांग करके थक गए हैं। सरकार से कई बार मांग की गई और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी कई बार पत्र दिया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि सरकारी मदद की राशि को लेकर IMA ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से मांग की थी कि आम लोगों को 4 लाख मिलता है, डॉक्टरों के लिए यह रकम 20 लाख की जाए। लेकिन बढ़ाना तो दूर डॉक्टरों के परिवारों को 4 लाख भी नहीं मिले।