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बिहान योजना से ग्रामीण महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

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पासल की गौरी महिला स्वयं सहायता समूह ने रचा नया उदाहरण

सूरजपुर/IRN.24…/ कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदनी साहू के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा में सशक्त किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद पंचायत भैयाथान अंतर्गत ग्राम पंचायत पासल की गौरी महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणास्पद उपलब्धि प्राप्त की है।
गौरी महिला स्वयं सहायता समूह का गठन 17 नवम्बर 2019 को 10 महिलाओं के समूह द्वारा किया। प्रारंभ में ये महिलाएं कृषक या दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती थीं। बिहान योजना के तहत ग्राम में सी.आर.पी. दीदियों के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद महिलाओं ने समूह बनाकर आजीविका गतिविधि प्रारंभ करने का निर्णय लिया। नियमित बैठकें, बचत एवं ऋण लेन-देन की प्रक्रिया को अपनाते हुए समूह ने तीव्र गति से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कार्य प्रारंभ किया।
गौरी महिला स्वयं सहायता समूह को रिवॉल्विंग फंड से 15,000 रू., सामुदायिक निवेश निधि से 60,000 रू, बैंक क्रेडिट लिंकेज से 3,00,000 रू आर्थिक सहयोग शासन से प्राप्त हुआ। इन सहयोगों के माध्यम से समूह की महिलाओं ने अलग-अलग स्वरोजगार गतिविधियाँ प्रारंभ कीं, जिनमें से श्रृंगार एवं मनिहारी दुकान प्रमुख रही।
समूह की सदस्य श्रीमती सीमा ने वर्ष 2019 में 75,000 रू का बैंक ऋण प्राप्त कर श्रृंगार/मनिहारी दुकान का संचालन प्रारंभ किया। प्रारंभिक पूंजी की कमी के बावजूद उन्होंने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ व्यवसाय शुरू किया। अब उनका व्यवसाय सुचारू रूप से संचालित हो रहा है और उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है। समय पर ऋण चुकाने के बाद अब वह अपने व्यवसाय का और अधिक विस्तार करने के लिए प्रयासरत हैं। आजीविका गतिविधि के माध्यम से श्रीमती सीमा अब प्रतिमाह लगभग रू 13,800 की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे न केवल उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि उन्होंने समाज में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल भी कायम की है।
 “बिहान” योजना बनी ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन का माध्यमः-

गौरी महिला स्वयं सहायता समूह की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिले तो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम उठा सकती हैं। आज यह समूह न केवल अपने सदस्यों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी समूह से जुड़कर अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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