बाल विवाह और दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप महिला एवं बाल विकास विभाग सूरजपुर द्वारा विद्यालयीन स्तर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजन
दहेज प्रथा और बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दहेज जैसे अभिशाप के कारण न जाने कितनी लड़कियों के सपने बिखर जाते हैं।इसी जागरूकता के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग सूरजपुर द्वारा विद्यालयीन स्तर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है।
इसी तारतम्य में भैयाथान विकासखंड के ग्राम बतरा में स्थित पीएम श्री स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र छात्राओं को बाल विवाह, दहेज प्रथा, लैंगिंग अपराध , पॉस्को एक्ट सहित महिला हेल्पलाइन नंबर -181, आपातकालीन सेवा नंबर -112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर -1098, साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर -1930 तथा अन्य लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर विशेष चर्चा की गयी.सूरजपुर महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर तंद्रा चौधरी ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी देते हुए कहा कि भ्रूण का लिंग परीक्षण करना और उसकी जानकारी देना दंडनीय अपराध है. अधिनियम के उल्लंघन पर कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानूनी व सुरक्षित प्रक्रिया है, जिससे मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है.वहीं उन्होंने दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न, और घरेलू हिंसा जैसे अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी जागरूकता फैलाई। उन्होंने लोगों से इन समस्याओं के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और समाज को बेहतर बनाने का आह्वान किया। साथ ही लोगों को इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने और एक स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल समाज बनाने के लिए प्रेरित किया।विभाग की सुपरवाइजर यास्मीन बानो ने पॉस्को एक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि पॉस्को अधिनियम बच्चों को यौन शोषण के अपराधों से बचाने का प्रावधान है। यह कानून न सिर्फ बालिकाओं के यौन शोषण बल्कि नाबालिग लड़कों के साथ भी कोई अश्लील छेड़-छाड़ होती है तो उसे भी अपराध की ही श्रेणी में माना जाएगा। इस अधिनियम के तहत दुष्कर्म की पारंपरिक परिभाषा के अलावा उन कृत्यों को भी दुष्कर्म के संज्ञा दी गई है। जिससे बच्चे के साथ गलत भावना से छेड-छाड़ की जाती है। यदि किसी व्यक्ति का पॉक्सो एक्ट के अन्तर्गत दोष सिद्ध हो जाता है तो उसे अपराधी मानते हुए कड़ी सजा देने का प्रावधान रखा गया है। पॉक्सो एक्ट में संशोधन से पहले अग्रिम जमानत का प्रावधान था। लेकिन संशोधन के बाद आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं दी जाती।इस जागरूकता कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य गोवर्धन सिंह ने आभार प्रकट किया ।विद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारी सहित सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।