बलरामपुर में शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर, गुरुजी नहीं लिख पा रहे हैं,इंग्लिश में सप्ताह, महीनों के नाम
IRN.24(गणतंत्र भारत की स्वतंत्र आवाज़)
बलरामपुर/IRN.24 सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है।शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने तरह – तरह की गतिविधियां भी कराई जाती है। प्रायमरी स्तर के शिक्षक खुद बच्चो को पढ़ाने नए -नए तरीके अपनाया करते है। ताकि बच्चे आसानी से सीख सके और उनकी शिक्षा के प्रति रुचि बने रहे। वही एक ऐसे शिक्षक भी इन दिनों कैमरे में कैद हो गए जिन्हे अल्फा बिटा यानी ABCD का ज्ञान नही है। अंग्रेजी महीनो और दिनों के स्पेलिंग उनको नही आती।
दरअसल बलरामपुर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम खटवा बरदर भी आता है। जहां के गोचर पारा में सरकारी प्राथमिक शाला है। यहां पदस्थ शिक्षक भीष्म नारायण यादव जिन्हे अंग्रेजी महीनो के नाम सहित अंग्रेजी दिनों के नाम और अल्फा बिटा लिखना नही आता । अब आप खुद सोचिए जो ज्ञान निजी स्कूलों के नर्सरी की कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाती है । वह एक शिक्षक को नही आता। नतीजा यह है की गोचर पारा के सरकारी स्कूल के पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को तक अल्फा बिटा का ज्ञान नहीं है। अंग्रेजी में Sunday, Monday और January, February नही आती। और जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी सालभर यही राग अलापते नजर आते है। की शत् प्रतिशत परीक्षा परिणामों के लिए रणनीति बनाई जा रही है ।
बता दे की यह तो एक उदाहरण मात्र है।बलरामपुर जिले के कई सरकारी स्कूल ऐसे है। जहां के शिक्षको को अंग्रेजी,गणित विषयों की बुनियादी ज्ञान नहीं है। यही नहीं कई शिक्षक तो ऐसे है। जो राजस्व समेत शिक्षा विभाग के दफ्तरों में अटैच होकर अपनी नौकरी पका रहे है।फिलहाल इस मामले में कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने नाराजगी जाहिर करते हुए। शिक्षक के ज्ञान को परखने के निर्देश दिए है। जबकि जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है, कि वे शिक्षक से बात कर उन्हें समझाइश देंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की को मंशा है। उस पलीता कोई और नहीं बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ही लगा रहे है। कागजों में गुणवत्ता की सुधार कर ली जा रही है।और जनरल प्रमोशन तो मानो प्रायमरी और मिडिल स्कूल के शिक्षको के लिए वरदान साबित हो रही है।जिसके जरिए बच्चे बगैर किसी प्रतिस्पर्धा के पास कर दिए जा रहे है। अब तो यह देखने वाली बात होगी कि ऐसे घर जिम्मेदार शिक्षकों के ऊपर शिक्षा विभाग की क्या कार्रवाई होती है।