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फाइलेरिया रोग से बचाव एवं नियंत्रण के लिए डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई

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शिक्षकों ने पहले गोली खाकर दिखायी

सूरजपुर/IRN.24… फाइलेरिया (हाथी पांव) बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से किसी भी आयु वर्ग में हो सकती है। यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। इससे ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है। उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इस बीमारी से बचाव के लिये आज 27 फरवरी से विशेष अभियान चलाकर दवा खिलायी जा रही है । इसी क्रम में माध्यमिक शाला पतरापाली में मितानिन सरोज पटेल एवम सोनिया सिंह के द्वारा फाइलेरिया की गोली खिलायी गयी। शिक्षक योगेश साहू ने बच्चों को बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित है। गोलियों के सेवन से हाथीपांव व हाइड्रोसील जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती है यह इन बीमारियों से बचाने में मदद करती है। रक्तचाप, शुगर, अर्थरायटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। जोकि दवा खाने के बाद परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। आज प्राथमिक शाला के 19 एवम माध्यमिक शाला के 32 बच्चों ने फाइलेरिया की गोली खाई। शिक्षकों ने पहले बच्चों को गोली खाकर दिखायी फिर सभी बच्चों ने गोली खाया।

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