महेश्वर राजवाड़े
सूरजपुर — विधान सभा चुनाव के लिए जिले के तीनों सीटो के लिए दो प्रमुख दल कांग्रेस भाजपा के साथ ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित अन्य ने अपने अपने प्रत्याशी के घोषणा के बाद क्षेत्र में राजनीतिक पारा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। जिले के प्रेमनगर सामान्य विधानसभा सीट की बात करे तो यहां के मौजूदा विधायक पर ही भरोसा कर उनको कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार मौका दिया है। टिकट मिलने के पश्चात वे हैट्रिक लगाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है । भाजपा ने भूलन सिंह मरावी पर भरोसा जताया है । भूलन सिंह सरपंच पद, जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य तक का सफर तय कर चुके है। दो माह पूर्व ही उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वे भी विधायक बनने जी तोड़ मेहनत कर रहे है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक बार फिर पुराने प्रत्याशी जयनाथ सिंह के राम को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में के. राम तीसरे नंबर पर थे । जो एक नंबर में आने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे है। नोटा था पांचवे नंबर पर पिछले चुनाव में नोटा को मिले थे 4000 से भी ज्यादा वोट। पिछले चुनाव में प्रेमनगर विधान सभा से 14 प्रताशियो ने अपने राजनीतिक भविष्य तय करने के लिए चुनावी रणभूंमि में उतरे थे । चार हजार से भी ज्यादा लोगो ने इन प्रताशियों को ना पसंद कर दिया था।
पिछले रिकार्ड पर गौर करे तो वर्ष 1962 के परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद प्रेमनगर सीट का सृजन हुआ। नई विधानसभा सीट बनने के बाद 1967 में यहां पहला विधानसभा चुनाव हुआ और पहले ही चुनाव में भारतीय जनसंघ ने इस क्षेत्र से परचम लहराया। इस चुनाव में बीजेएस के एस सिंह ने 889 वोट से चुनाव जीता और प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक बनें। इसके पांच साल बाद हुए चुनाव में एक बार फिर से भारतीय जनसंघ ने चुनाव जीता और भुवनेश्वर ने कांग्रेस प्रत्याशी लोचन सिंह को करीब 7228 वोटों के अंतर से मात दी।
साल 1977 में जब तीसरी बार विधानसभा चुनाव हुआ तो वर्तमान विधायक खेलसाय सिंह पहली बार कांग्रेस की टिकट पर वे चुनावी मैदान में थे और उनके सामने जनता पार्टी के उम्मीदवाार सहदेव सिंह थे। इस चुनाव में खेलसाय सिंह को करीब 4852 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
1980 में कांग्रेस ने और 1985 के चुनाव में बीजेपी ने चखा जीत का स्वाद…
वर्ष 1980 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस ने प्रेमनगर विधानसभा सीट से जीत का स्वाद चखा। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चंदन सिंह ने भाजपा प्रत्याशी मनि प्रताप को 6928 वोट करीब (28.19′) से हराया। वोट प्रतिशत के मामले में ये भी एक रिकॉर्ड है। क्योंकि इस विधानसभा से न तो पहले और न ही अब तक कोई भी प्रत्याशी इतनी मार्जिन से चुनाव जीत पाया है। 1985 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तुलेश्वर सिंह ने कांग्रेस के चंदन सिंह को 965 वोट से हराया था।
प्रेमनगर विधानसभा के तीन विधायक, जिन्होंने लगातार दो-दो बार जीता चुनाव
प्रेमनगर विधानसभा सीट में एक अलग तरह का ट्रेंड भी देखने को मिला है। यहां 1993 में हुए चुनाव के बाद से 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो तीन विधायकों ने दो-दो बार चुनाव जीता है। 1993 और 1998 में कांग्रेस के तुलेश्वर सिंह ने चुनाव जीता। इसके बाद 2003 और 2008 में भाजपा की रेणुका सिंह विधायक बनीं। साल 2013 और 2018 के चुनावों में खेलसाय सिंह ने जीत दर्ज की।
छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रेमनगर विधानसभा सीट (क्र.04) से कांग्रेस के खेल साय सिंह- 66475 मत पाकर जीते।
उन्होंने अपने निकटवर्ती प्रतिद्वंदी बीजेपी के विजय प्रताप सिंह को हराया, जिन्हें 51135 मत मिले। जीत-हार में वोट का अंतर 15,340 रहा। कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे।
कुल 171533 मतदाताओं ने (81.05′) मतदान किया। इसमें से 87407 पुरुष मतदाताओं ने और 83263 महिला मतदाताओं ने मतदान किया। अब 2023 के विधानसभा चुनाव में 211630 वोटर अपना नेता चुनेंगे। इन मतदाताओं में पुरुष मतदाता- 106103 और महिला मतदाता- 105527 मतदाता है
प्रेमनगर विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम
1 खेल साय सिंह (कांग्रेस) 66475
2 विजय प्रताप सिंह (भाजपा) 51135
3 जयनाथ सिंह केराम (जीजीपी) 26388, तीनो प्रत्याशी एक ही समाज के। वर्तमान में जो तीनो दलों ने प्रत्याशी घोषित किए है वे आदिवासी वर्ग के गोंड समाज से आते है। हालाकि अन्य दलों ने अभी अपना खाता तक नही खोला है वही अभी कई निर्दलीय प्रत्याशी भी अपना राजनीतिक भाग्य आजमा सकते है । पिछले चुनाव की बात करे तो प्रेमनगर विधान सभा से 14 प्रत्याशी मैदान में थे। बहरहाल अभी तो नामांकन का दौर जारी है द्य नामांकन के अंतिम दिनों के पश्चात ही पता चल पाएगा की कितने प्रत्याशी मैदान में है।