प्रियंका,सिब्बल,चिदंबरम भी हैं छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सीट की दौड़ में शामिल, महंत पहले ही जता चुके हैं इच्छा
रायपुर। छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों के लिए जून में चुनाव होना है। कांग्रेस की तरफ से इन सीटों में एक स्थानीय नेता और दूसरी राष्ट्रीय नेता के लिए आरक्षित किये जाने के आसार बन रहे हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने पहले ही राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है,जिसके बाद बाकी के स्थानीय नेताओं की नजर दूसरी सीट पर थी। लेकिन अब आसार बन रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान एक सीट केंद्रीय नेताओ के लिए आरक्षित रखना चाहती हैं।सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ राज्यसभा सांसद बनने वाले नेताओ में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ,पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम के नामों की भी चर्चा है।
प्रियंका गांधी ,कपिल सिब्बल , पी. चिदंबरम के नामों की चर्चा
सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ राज्यसभा की दो सीटों में लोकल नेताओ में डॉ. चरणदास महंत , टी एस सिंहदेव , ताम्रध्वज साहू ,राजेश तिवारी , धनेन्द्र साहू का नाम प्रमुख है। वहीं केंद्रीय नेताओं में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ,कपिल सिब्बल , पी. चिदंबरम के नामों की चर्चा है।
खास बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत के राज्यसभा जाने की इच्छा जताने के बाद एक सीट पर उनकी दावेदारी सबसे अधिक मजबूत हो गई। वही दूसरी सीट के लिए प्रियंका गांधी का नाम काफी चर्चा में है,गौरतलब है कि पिछली बार राज्यसभा सांसदों के चुनाव के समय बस्तर की आदिवासी नेत्री फूलोदेवी नेताम और केंद्रीय नेता केटीएस तुलसी को चुना गया था। जबकि उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इच्छा जताई थी कि प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बनें,लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव के कारण यह संयोग नहीं बन पाया।
इस बात के भरपूर आसार हैं कि कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी उन्ही नामों पर अपनी मुहर लगाएंगी,जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल ने बीते 3 सालों में खुद को राष्ट्रीय राजनीती में बेहद ही पुख्ता तरीके से स्थापित किया है। पार्टी ने उन्हें असम और उत्तर प्रदेश चुनाव में अहम् जिम्मेदारी दी थी। भूपेश बघेल यूपी विधानसभा चुनाव में भी बेहद सक्रिय हैं और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कदम से कदम मिलकर काम कर रहे हैं। इस दौरान प्रियंका गांधी के सबसे करीबी कांग्रेस नेताओं के तौर पर भी उनकी पहचान स्थापित हो गई है।