महेश ठाकुर-IRN.24(गणतंत्र भारत की स्वतंत्र आवाज़)
आगामी दिनों छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित होने वाला है .
सूरजपुर/बतरा –परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है कई बार छात्र तनाव के कारण अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं यह समय विद्यार्थियों के लिए बहुत संवेदनशील होता है तथा तनाव में रहने के कारण विद्यार्थियों द्वारा कई बार अप्रिय निर्णय लिए जाने की आशंका भी बढ़ जाती है साथ ही परीक्षा परिणाम को लेकर कई पालकों की भी नकारात्मक भूमिका सामने आती है । तनाव के कारकों की पहचान एवं उसके निदान हेतु जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर श्री राम ललित पटेल के आदेशानुसार स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बतरा के प्राचार्य सहित शिक्षकों ने ऑनलाइन दक्षता विकास प्रशिक्षण लेकर विद्यालय में पालक-शिक्षक सम्मेलन आयोजित कर छात्रों को परीक्षा परिणाम से उत्पन्न होने वाले भय से बचाव हेतु अपने मन को शांत रखने, योग का नियमित अभ्यास करने, उचित नींद लेने ,शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए बीच-बीच में अल्प समय के लिए विराम लेने तथा सकारात्मक व मनपसंद कार्य करने का सुझाव दिया.परीक्षा परिणाम घोषित होने वाले दिवस में छात्रों को अपने परिजनों ,मित्रों एवं वरिष्ठजनों के साथ रहने का सुझाव दिया गया । साथ ही गंभीर अवसाद की प्रवृत्ति मन में आने पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक तथा मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन टेलीमानस टोल फ्री नंबर 14416 पर 24*7 संपर्क कर निःशुल्क परामर्श लेने की जानकारी प्रदान की गई।इसके साथ ही अभिभावकों को अपने पुत्र-पुत्रियों के साथ सकारात्मक माहौल बनाने, अनावश्यक दबाव न बनाने का सुझाव दिया गया।परीक्षा के तनाव को दूर करने हेतु आयोजित कार्यशाला में प्राचार्य श्री गोवर्धन सिंह ने उपस्थित अभिभावक गण एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन में परीक्षा का सामना अवश्य करना पड़ता है, परीक्षा की समाप्ति के बाद परीक्षा परिणाम घोषित होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इस दौरान परीक्षा परिणाम के तनाव को विद्यार्थी पहले और बाद में अनुभव करते हैं ,यह तनाव अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव के साथ ही स्वयं या दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करने के भय का परिणाम होता है इसके कारण छात्रों में नींद का ना लगना ,अपने रोजमर्रा के कार्य में ध्यान केंद्रित करने में समस्या के साथ ही छात्रों में चिंता ,चिड़चिड़ापन एवं लाचारी जैसे भावनात्मक लक्षण भी नजर आते हैं ऐसे में बेहतर परिणाम के लिए तनाव को दूर करना अत्यंत आवश्यक है इसके लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही भरपूर नींद लेना आवश्यक होता है । साथ ही योग और अभ्यास भी आवश्यक रूप से करना चाहिए ,समय निकालकर अपने पसंद की गतिविधियां-खेलकूद इत्यादि में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समय-समय पर ब्रेक लेना, मनोरंजन करने एवं मन को शांत रखने वाली तकनीक का अभ्यास करके तनाव से पूर्णतः बचा जा सकता है।इस पालक-शिक्षक सम्मेलन में प्राचार्य श्री गोवर्धन सिंह, अंजना जायसवाल, आकिब आलम,रुचि कुशवाहा,स्मृति मिश्रा,सोनम नायर,रागिनी जायसवाल , ज्योति गुप्ता,आमरीन,एकता सिंह,अमजद अली,फातमा सोगरा,अंजली तिवारी,ज्योति,नेहा सिंह,हिमांशु शर्मा,स्वेता कुंडू,काजल सोनी,प्रियंका कुमारी ,सुरेखा कुमारी सहित समस्त शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।