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औने पौने गिरदावरी कर पंचायत में पटवारी नदारद , अब सुधार हेतु तहसील एवं एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर किशान!

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अनिल कुमार देवागन -सूरजपुर

सुरजपुर जिले के ग्राम पंचायत कसकेला में पटवारी उपस्थित नही रहता न ही कृषकों का कार्य हो पाता है समय पर कॉल करने पर भी किसी भी परकार का समाधान नहीं हो पाता छात्रो के आय जाति निवास बनाने के लिए भी पटवारी के पास समय नहीं है कई छात्र तो इस वर्ष आय जाति निवास से वंचित रह गए पटवारी समय पर आता ही नहीं है एवं आय जाति निवास पर छात्रों फ़ॉर्म पर भी हस्ताक्षर नही मिल पाता हैऔर कृषकों भूमि का गिरदावरी हुआ ही नहीं सबका
ऐसे ही अनुमान लगा कर पटवारी गिरदावरी कर
दिया है गांव के सभी कृषकों का उल्टा पुल्टा गिरदावरी
किया गया है! जिसमें लगभग सभी किसानो रकबा घट गया है जिसके लिए आए दिन कृषक तहसील ऑफिस के चक्कर काट
रहे हैं जिससे कृषकों का रकबा सुधार हो सके ऐसे पटवारी जो वेतन तो लेते है कार्य करने का लेकिन अपना कार्य पूर्ण नही करते ईमानदारी से केवल बैठने
का ही वेतन लेते हैं और घर में रहने का ऐसे पटवारी का जरूरत ही नहीं है आखिर कब तक और इस पर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है?

*औने पौने गिरदावरी कर पंचायत में पटवारी नदारद , अब सुधार हेतु तहसील एवं एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर किशान!* _ अनिल कुमार देवागन -सूरजपुर सुरजपुर जिले के ग्राम पंचायत कसकेला में पटवारी उपस्थित नही रहता न ही कृषकों का कार्य हो पाता है समय पर कॉल करने पर भी किसी भी परकार का समाधान नहीं हो पाता छात्रो के आय जाति निवास बनाने के लिए भी पटवारी के पास समय नहीं है कई छात्र तो इस वर्ष आय जाति निवास से वंचित रह गए पटवारी समय पर आता ही नहीं है एवं आय जाति निवास पर छात्रों फ़ॉर्म पर भी हस्ताक्षर नही मिल पाता हैऔर कृषकों भूमि का गिरदावरी हुआ ही नहीं सबका ऐसे ही अनुमान लगा कर पटवारी गिरदावरी कर दिया है गांव के सभी कृषकों का उल्टा पुल्टा गिरदावरी किया गया है! जिसमें लगभग सभी किसानो रकबा घट गया है जिसके लिए आए दिन कृषक तहसील ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं जिससे कृषकों का रकबा सुधार हो सके ऐसे पटवारी जो वेतन तो लेते है कार्य करने का लेकिन अपना कार्य पूर्ण नही करते ईमानदारी से केवल बैठने का ही वेतन लेते हैं और घर में रहने का ऐसे पटवारी का जरूरत ही नहीं है आखिर कब तक और इस पर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है? *फोन लगाने से भी नहीं उठाते फोन-* पटवारी के द्वारा गिरदावरी के समय भारी लापरवाही किया गया है अधिकतर किसानों का रकबा घटा दिया गया है और कईसानों का रकबा शुन्य कर दिया है यह मामला पूरे कसकेला बलरामपुर पंचायत में भी हुआ है यह इसलिए हुआ है की पटवारी कार्यालय मेंउपस्थित होता ही नहीं था जबकि गिरदावरी घूम घूम कर करना था ताकी किसान क्या क्या फसल बोये है उनका खंड २ मे ऑनलाइन कर सके किन्तु किया नहीं गया,जिससे कई किसानो का सही फसल का विवरण ऑनलाइन चढ़ा हि नहीं ,अब की किसान अब इस संसय मे है जी धान आखिर बेचे कहा कई किसान का लोन बैंक मे है और उनका आय का श्रोत खेती हि है इस स्थिति मे किसान करे तो करे क्या उनका कर्जा कैसे पैड होगा,इस विषय पर कई किसानो के द्वारा पटवारी को अवगत कराने का प्रयास भी किया फोन के माध्यम से किन्तु पटवारी द्वारा फोन को रिसीव करना हि मिनासीफ़ नहीं समझते अब देखने वाली बात ये है की क्या इस प्रकार की लापरवाह पटवारी को पद मे रखना उचित है जो देश के श्रीजन करता किसानो के पेट मे लात मार कर बैठा है,फोन लगाने से भी नहीं उठाते फोन- पटवारी के द्वारा गिरदावरी के समय
भारी लापरवाही किया गया है अधिकतर किसानों का रकबा घटा दिया गया है और कईसानों का रकबा शुन्य कर दिया है यह मामला पूरे कसकेला बलरामपुर पंचायत में भी हुआ है यह इसलिए हुआ है की पटवारी कार्यालय मेंउपस्थित होता ही नहीं था जबकि गिरदावरी घूम घूम कर करना था ताकी किसान क्या क्या फसल बोये है उनका खंड २ मे ऑनलाइन कर सके किन्तु किया नहीं गया,जिससे कई किसानो का सही फसल का विवरण ऑनलाइन चढ़ा हि नहीं ,अब की किसान अब इस संसय मे है जी धान आखिर बेचे कहा कई किसान का लोन बैंक मे है और उनका आय का श्रोत खेती हि है इस स्थिति मे किसान करे तो करे क्या उनका कर्जा कैसे पैड होगा,इस विषय पर कई किसानो के द्वारा पटवारी को अवगत कराने का प्रयास भी किया फोन के माध्यम से किन्तु पटवारी द्वारा फोन को रिसीव करना हि मिनासीफ़ नहीं समझते अब देखने वाली बात ये है की क्या इस प्रकार की लापरवाह पटवारी को पद मे रखना उचित है जो देश के श्रीजन करता किसानो के पेट मे लात मार कर बैठा है,

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