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निष्पक्ष पत्रकारिता पर मंडराता खतरा : संपादक की हत्या की साजिश का खुलासा

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IRN24, राधे यादव…✍🏻

सूरजपुर।
आज के दौर में सच को सामने लाना और भ्रष्टाचार की पोल खोलना पत्रकारों के लिए मौत को गले लगाने जैसा कठिन होता जा रहा है। कुछ भ्रष्ट अधिकारी और उनके संरक्षण में पल रहे असामाजिक तत्व मिलकर पत्रकारों को रास्ते से हटाने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां हिंद स्वराष्ट्र और सिंधु स्वाभिमान समाचार पत्र के संचालक दंपत्ति द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने के चलते संपादक प्रशांत पांडे की हत्या की साजिश रचे जाने का खुलासा हुआ है।

विवादित खबरों से उपजी दुश्मनी

जानकारी के अनुसार, संपादक प्रशांत पांडे और उनकी टीम ने सूरजपुर जिले की लटोरी तहसील के तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा पर गंभीर आरोपों वाली खबरें प्रकाशित की थीं। आरोप था कि तहसीलदार ने बिना कलेक्टर की अनुमति और पटवारी की रिपोर्ट के फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री की। इस पर एसडीएम शिवानी जायसवाल ने तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मामला अभी भी जांचाधीन है।

वहीं, सिरसी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना और नामांतरण से जुड़े भ्रष्टाचार की खबरें भी अखबार में छपीं। इन खुलासों के बाद प्रशासन ने रोजगार सहायक नईम अंसारी को बर्खास्त किया, जबकि कई अन्य मामलों की जांच लंबित है। इन दोनों खबरों से प्रभावित स्थानीय दलाल और अधिकारी गुट कथित तौर पर नाराज हो गए और हत्या की साजिश तक रच डाली।

तीन बार हुई हत्या की कोशिश

संपादक को रास्ते से हटाने के लिए आरोपियों ने आपसी सांठगांठ कर तीन अलग-अलग योजनाएं बनाईं।

  1. पहला प्रयास – ट्रक से कुचलने की योजना बनाई गई। आरोप है कि दो बोलेरो और एक स्कॉर्पियो से संपादक और उनके परिवार का पीछा भी किया गया, परंतु बच्चे साथ होने के कारण योजना टाल दी गई।
  2. दूसरा प्रयास – आरोपियों ने शूटर बुलवाया लेकिन संपादक उस समय परिजनों के साथ उज्जैन चले गए, जिससे योजना विफल हो गई।
  3. तीसरा प्रयास – 20 सितंबर की रात संपादक को बाइक से लौटते समय कुचलने की कोशिश की गई। संयोग से मार्ग पर भीड़ होने से यह प्रयास भी असफल रहा।

पंचायत में हुआ खुलासा

ग्राम हरिपुर में आयोजित एक पंचायत में आरोपी संजय गुप्ता ने कथित रूप से स्वीकार किया कि संपादक को हटाने के लिए सुपारी दी गई थी। उसने पंचायत के सामने माफी भी मांगी, जबकि हरिओम गुप्ता ने आरोप स्वीकारने से इनकार किया और विवाद को पंचायत से बाहर सुलझाने की बात कही।

सुरक्षा की मांग

लगातार जान से मारने की धमकी और तीन बार हत्या के प्रयास के बाद संपादक और उनका परिवार भयभीत है। उन्होंने सबूतों के साथ आईजी सरगुजा रेंज को आवेदन सौंपकर पुलिस सुरक्षा और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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