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नशीली दवाओं के खिलाफ आबकारी विभाग की सख़्त कार्रवाई – सिरसी में भारी मात्रा में दवाइयाँ जब्त, आरोपी गिरफ्तार, स्थानीय पुलिस चौकी की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

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📍 संपादक: डॉ. प्रताप नारायण सिंह📍

📆 दिनांक: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार—🔴 decisive action | आबकारी विभाग की तगड़ी दबिश – सिरसी में वर्षों से चल रहे नशे के धंधे पर पड़ा ताला सूरजपुर जिले के बसदेई चौकी क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिरसी में शुक्रवार सुबह आबकारी विभाग ने एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई कर नशे की अवैध दवाइयों का जखीरा बरामद किया। कार्रवाई के दौरान धर्मेंद्र कुशवाहा (43), पिता बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा को रंगे हाथों पकड़ा गया, जो सिरसी में अपने ही घर से यह सारा कारोबार संचालित कर रहा था।प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभाग को कुछ सप्ताह पहले से गुप्त सूचनाएँ मिल रही थीं कि सिरसी गांव में एक व्यक्ति नशीली सिरप और टैबलेट्स का काला कारोबार कर रहा है। उप निरीक्षक प्रदीप वर्मा की अगुवाई में बनाई गई विशेष टीम ने आज सुबह लगभग 6 बजे दबिश दी और आरोपी के घर से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयाँ जब्त कीं।—

🧪 जब्त की गई नशीली सामग्रीजाँच के दौरान आरोपी के घर से निम्नलिखित नशीली सामग्री बरामद की गई:*

कोरेक्स कप सिरप – 40 नग

स्पस्मो प्रॉक्सीवॉन टैबलेट – 356 नग

अल्पराजोन टैबलेट – 720 नग

ये दवाइयाँ न केवल प्रतिबंधित हैं, बल्कि युवाओं के बीच नशे की लत का प्रमुख कारण भी बनती जा रही हैं। इन दवाओं का प्रयोग चिकित्सकीय अनुमति के बिना करना अपराध की श्रेणी में आता है।—

मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं – पूरा नेटवर्क सक्रिय?

सूत्रों की मानें तो आरोपी धर्मेंद्र कुशवाहा सिर्फ एक मोहरा हो सकता है। प्राथमिक पूछताछ में उसने कुछ अन्य नामों का भी ज़िक्र किया है जो संभवतः सप्लाई चेन और वितरण नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। आबकारी विभाग अब इस नेटवर्क के विस्तार की कड़ियाँ जोड़ने में जुटा है।कई ग्रामीणों का कहना है कि सिरसी सहित आस-पास के इलाकों में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह इस तरह के बिना रोक-टोक चल रहे अवैध व्यापार हैं।—

🚨 स्थानीय पुलिस चौकी पर उठे सवाल – वर्षों से चुप्पी क्यों?

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय पुलिस चौकी बसदेई की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी वर्षों से सिरसी में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन पुलिस ने कभी कोई सख्त कदम नहीं उठाया।ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:> “हमने कई बार पुलिस को इशारा किया था कि गांव में कुछ गड़बड़ हो रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब आबकारी वालों ने पकड़ लिया तो सब चुप हैं।”यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पुलिस को इस पूरे धंधे की जानकारी नहीं थी?

या वह जान-बूझकर मौन बनी रही? क्या यह लापरवाही है या मिलीभगत? – इन तमाम सवालों के जवाब अब जनता जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से मांग रही है।

👥 समाज में बढ़ता नशा – एक चिंताजनक संकेत

सिरसी जैसे छोटे गांवों तक अगर नशीली दवाइयों का जाल फैल गया है, तो यह पूरे जिले के लिए गंभीर चिंता का विषय है। माता-पिता, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि किशोर और युवा वर्ग इसमें फंसते जा रहे हैं।स्थानीय शिक्षकों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कई छात्रों की बदलती आदतें और गिरता स्वास्थ्य इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि गांव में नशे की पहुंच बढ़ रही है, लेकिन सामाजिक दबाव और डर की वजह से कोई खुलकर कुछ नहीं कह पाया।

⚖️ मामला दर्ज, नेटवर्क पर हो रही छानबीन

आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आबकारी विभाग की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि:दवाएं कहाँ से खरीदी जाती थीं?किन माध्यमों से गाँव तक पहुंचती थीं?और कौन-कौन इस नेटवर्क में शामिल है?

सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ संभव हैं। प्रशासन अब पूरे जिले में ऐसी गतिविधियों पर नज़र रखने और कार्रवाई तेज़ करने की योजना बना रहा है।—

📣 मांग: चौकी की भूमिका की जांच हो

गांव वालों ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से स्थानीय चौकी के स्टाफ की भूमिका की भी स्वतंत्र जांच की माँग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते सख्ती दिखाती, तो नशे का यह जाल इतना गहराता ही नहीं।—

📌 निष्कर्ष

सिरसी में आबकारी विभाग की कार्रवाई ने न सिर्फ एक आरोपी को जेल भेजा है, बल्कि पूरे सिस्टम को आईना दिखा दिया है – पुलिस की निष्क्रियता, समाज की चुप्पी और युवाओं में बढ़ता नशा।अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस कार्रवाई को एक उदाहरण बनाता है या इसे भी बीते समय की खबर बनने देता है।

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