नशीली दवाइयों का जहर: रामानुजनगर और भैयाथान क्षेत्र में खुलेआम बिक रहा नशा, पुलिस टीम गठित होने के बावजूद कार्रवाई नहीं
*संवाददाता : राधे यादव…✍🏻* सूरजपुर। जिले के रामानुजनगर और भैयाथान क्षेत्र में नशीली दवाइयों का अवैध कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। प्रतिबंधित टेबलेट, कोरेक्स सिरप और इंजेक्शन खुलेआम दुकानों में बेचे जा रहे हैं। इस जहरीले नशे की चपेट में आकर बड़ी संख्या में युवा बर्बाद हो रहे हैं। कई परिवार अपने बच्चों के नशे की लत से टूट चुके हैं, वहीं समाज में चोरी-चकारी और अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों में चल रहे अवैध कारोबार की शिकायत पुलिस को की थी। सूचना पर एसपी साहब ने तत्काल एक टीम गठित कर मौके पर भेजा, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि गठित टीम ने मौके पर पहुंचकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। नतीजा यह हुआ कि नशीली दवाइयों का धंधा पहले की तरह धड़ल्ले से चलता रहा।रामानुजनगर क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि थाना मुख्यालय से महज 500–1000 मीटर दूर गांव सुमेरपुर दग़मला और नारायणपुर के आसपास के इलाकों में नशे का सामान खुलेआम बेचा जा रहा है। इसी तरह भैयाथान क्षेत्र में भी कई दुकानों में सिरप और इंजेक्शन की सप्लाई आसानी से मिल रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मौन सहमति और संरक्षण के बिना इतना बड़ा कारोबार संभव ही नहीं है।एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने पुलिस को सबूत और जानकारी दी थी। एसपी साहब ने टीम गठित कर भेजा भी, लेकिन टीम ने सिर्फ औपचारिकता निभाई। गांव-गांव में आज भी सिरप और इंजेक्शन खुलेआम बिक रहे हैं।”परिवारों का दर्द यह है कि युवा नशे के लिए घर का सामान तक बेच रहे हैं। कई बच्चे तो 300–400 रुपये के लिए चोरी करने तक मजबूर हैं। माता-पिता ने बताया कि “नशे की वजह से हमारा परिवार बर्बादी के कगार पर है, और पुलिस सिर्फ दिखावा कर रही है।”ग्रामीणों ने मांग की है कि रामानुजनगर और भैयाथान दोनों जगह चल रहे इस अवैध कारोबार की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी कारोबारियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई गई है कि वे आगे आकर युवाओं और समाज को इस जहर से बचाने में पहल करें।