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नगर पंचायत मनमानी तरीके से कर रहा शासन के पैसे का दुरुपयोग

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सूरजपुर/IRN.24…बिश्रामपुर नगर पंचायत बिश्रामपुर वार्ड क्रमांक 12 में DAV स्कूल के पीछे नगर पंचायत बिश्रामपुर और ठेकेदारों के द्वारा शासन के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है बता दें कि डीएवी स्कूल के पीछे पोस्ट ऑफिस से लेकर लेकर HMS यूनियन ऑफिस तक पहले ही एक टेंडर चल रहा था जिसमें दीवार बनाकर उसमें टाइल्स लगाकर फूल पौधे लगाकर सुंदर बनाना था लेकिन ठेकेदार के द्वारा मनमाने तरीके से दीवार को आधा अधूरा छोड़ दिया गया और इसके बाद कुछ लोगों के द्वारा जमीन कैप्चर करने के चक्कर में नगर पंचायत बिश्रामपुर से मिलकर DAV स्कूल के दीवार के साथ सटाकर एक चबूतरा बनाया जा रहा हैजिसमें नगर पंचायत बिश्रामपुर के द्वारा पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 12 के पास इस चबूतरे के लगभग 200 मीटर दूरी पर पहले से ही दो चबूतरा बना हुआ है एक क्षत्रिय भवन और दूसरा पोस्ट ऑफिस के सामने लेकिन नगर पंचायत बिश्रामपुर और कुछ लोगों की मिली भगत से शासन का पैसा हड़पने और SECL का जमीन कैप्चर करने के चक्कर में एक चबूतरा बनाया जा रहा है जिसका बिना SECL से एनओसी लिए और जिस चबूतरे के बनने से स्कूल में पढ़ने वाले नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षा के बच्चों की पढ़ाई के ऊपर काफी असर पड़ेगा क्योंकि अगर चबूतरा बना तो कोई ना कोई कार्यक्रम हमेशा होगा जिसमें डीजे वगैरा भी लगेंगे जिसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई के ऊपर काफी असर होगा शायद इस विषय को नगर पंचायत बिश्रामपुर के अधिकारी और जिनकी मनमानी से चबूतरा तैयार हो रहा वह भूल गए हैं वहीं दूसरी ओर जहां चबूतरा बना रहा है वही आए दिन कचरा पड़ा रहता है लेकिन नगर पंचायत के द्वारा साफ सफाई को ध्यान में नहीं जाता वह किसी को नजर नहीं आता लेकिन पैसे का कैसे दुरुपयोग करना है यह नगर पंचायत विश्रामपुर के इंजीनियर से लेकर अधिकारियों को अच्छी तरह मालूम है इस चबूतरे का विरोध आसपास कॉलोनी वाले और अविनाश प्रताप सिंह भी कर रहे हैं जिसका आवेदन विश्रामपुर SECL प्रबंधक और सुरक्षा अधिकारी से लेकर DAV स्कूल के प्रिंसिपल को दिया गया है खबर बनाए जाने तक कोई भी कार्रवाई नहीं किया गया है अगर बात करें विश्रामपुर नगर पंचायत सीएमओ सुशील तिवारी की तो वह ना तो कभी टाइम से ड्यूटी आते हैं ना कभी फोन उठाते हैं अगर उनसे यह सब विश्व में बात किया जाए तो वह सीधा नकार देते हैं हम कुछ नहीं जानते अगर वह कुछ नहीं जानते तो किसकी परमिशन से यह सब कार्य हो रहा है यह भी एक जांच का विषय है आगे समाचार लगने के बाद यह चबूतरा बनता है कि नहीं जा फिर शासन सत्ता का रोब दिखाकर नगर पंचायत के पैसे को हड़पने में अधिकारी और इंजीनियर कमजाब हो जाते हैं यह तो देखने वाला विषय होगा

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