नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पास हो गया है. इस बिल के तहत अगर कोई जबरन धर्मांतरण करता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है. वोटिंग के दौरान कांग्रेस ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया. आपको बता दें हरियाणा कैबिनेट ने धर्मांतरण रोकथाम बिल 2022 को पहले ही मंजूरी दे दी थी. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इस बिल को लेकर पहले बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 के तहत सभी लोगों को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार है. लोगों को किसी भी धर्म को चुनने का अधिकार हैं. इसके बावजूद जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं, और इसी को देखते हुए सरकार यह कानून लेकर आई है.’
सरकार हरियाणा में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए यह कानून लाई है. इस बिल के मुताबिक गलत प्रभाव, गलत बयानबाजी, जबरदस्ती, लालच या किसी तरह से शादी के लिए मनाना कानूनी अपराध होगा. सरकार के मुताबिक इस बिल से धार्मिक आजादी मिलेगी, और इस बिल से भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को बनाए रखने में मदद मिलेगी. आपको बता दें इस बिल का विधानसभा और बाहर भी विपक्ष ने काफी विरोध हुआ. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार विभिन्न समुदायों को बाटने का काम कर रही है. आज विधानसभा में धर्मातरण बिल पास होने के बात कांग्रेस के नेताओं ने वॉकआउट कर दिया।