दुर्ग : छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नही है। यहां युवा इंजीनियर्स वर्तमान जीवन शैली को हर पल आसान बनाने की थीम पर काम कर रहे हैं। इसी तरह दुर्ग जिले के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक अनोखा स्टार्टअप शुरू किया है। जिसे जानकर आप भी सोंच में पड़ जाएंगे। तकनीकी शिक्षा के इन छात्रों ने समाज के उस वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपना स्टार्टअप शुरू किया है। जिस वर्ग की ओर हर किसी का ध्यान नही जाता। छात्रों के अनुसार अब व्हीलचेयर पर बैठे दिव्यांग को कपड़े पहनने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और वे खुद को फैशनेबल भी बना सकते हैं।
दिव्यांगजनो को आत्मनिर्भर बनाने के इस मिशन में रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के भावी इंजीनियर्स का बड़ा योगदान है।यहां के इंजीनियर्स ने एक स्टार्टअप शुरू किया है, जिसमें दिव्यांग पूरे आत्मसम्मान के साथ फैशनेबल बन सकेंगे। इसके माध्यम से हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहने वाले दिव्यांग महज 90 सेकंड में साड़ी पहन सकेंगे। जबकि शर्ट और पैंट पहनने में 30 सेकंड का वक्त ही लगेगा।
अपने इस स्टार्टअप का नाम छात्रों ने जैनिका रखा। यह स्टार्टअप पूरी तरह से ऑनलाइन बेस्ड है। जिसमें कंपनी ऐसे कपड़े बना रही है। जिसे दिव्यांग बिना किसी व्यक्ति की सहायता के खुद ही पहन और उतार सकेंगे। इस कंपनी की सीईओ कोलकाता की सौमिता बासु हैं। सौमीता ही इन सभी स्टूडेंट्स का मोटिवेशन भी हैं। कंपनी को इंजीनियरिंग कॉलेज के टेक्नोक्रेट्स टेक्निकल सपोर्ट दे रहे हैं। वहीं रूंगटा इनोवेशन एंड बिजनेस इन्क्यूबेशन सेल (रूबी) फंडिंग से लेकर मैनेजमेंट संभाल रही है।
इस स्टार्टअप में खास बात यह है कि कम्पनी की सीईओ सौमिता खुद भी दिव्यांग है और इस परेशानी से लम्बे समय से जूझ रही हैं। इस लिए उन्होंने इस आइडिया पर काम शुरू किया। इसके लिए उन्होंने ऐसे कपड़े चुने जिनमें वह सहज थीं और पहनने में सुविधाजनक थीं। शुरुआत में ‘जैनिका’ के ग्राहक वही लोग बने जो वास्तव में इस परेशानी से जूझ रहे थे। अब धीरे-धीरे यह यह स्टार्टअप आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इस स्टार्टअप को टेक्निकल सपोर्ट देने में भावी इंजीनियर आदित्य रूंगटा, कुमार आदित्य, शुभम सागर, सागर हरीनमानी, आदर्श रघुवंशी, अमनराज शर्मा, आंचल त्रिपाठी शामिल हैं
जैनिका में खास तौर पर दिव्यांगजनो के साथ साथ, बुजुर्गों, गठिया, पार्किंसंस, फाइब्रोमायल्गिया, पुरानी बीमारियों, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, कैंसर, फ्रोजन शोल्डर जैसे बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कपड़े बनाती है। कैजुअल के अलावा यह पेशेवर कपड़े, स्लैक, ट्रेंडी और पहनने में आसान साड़ी, टॉप, महिलाओं और पुरुषों के अंडरवियर भी बनाती है। इसके साथ ही इन्होंने आर्डर के अनुसार कई बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए उनके सुविधानुसार ड्रेस डिजाइन कर सेल करने का काम भी शुरू किया है।