सूरजपुर/IRN.24… कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रमेश साहू के मार्गदर्शन में तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम द्वारा 15 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रोका गया है।
ग्रामीणों द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना दिया गया कि सूरजपुर में एक नाबालिग बालिका का बाल विवाह होने जा रहा है। प्राप्त सूचना के आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को तत्काल टीम गठित कर बालिका के उम्र सत्यापन करने तथा वैवाहिक आयु पूर्ण नहीं किये जाने की स्थिति में बाल विवाह रोकने की कार्यवाही करने के निर्देशित किया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल द्वारा बाल विवाह होने की सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दिए जाने पर नायब तहसीलदार को संयुक्त टीम के साथ विवाह स्थल पर जाने के निर्देश दिए गए। संयुक्त टीम द्वारा विवाह स्थल पर पहुँच कर बालिका का उम्र संबंधित दस्तावेज मांगने पर बालिका के परिजनों द्वारा बताया गया कि बालिका का उम्र आधार कार्ड के अनुसार 19 वर्ष हो रहा है जिस आधार पर बालिका का विवाह किया जा रहा है। उपस्थित टीम द्वारा परिजनों को समझाया की विवाह हेतु स्कूल कि अंकसूची में दर्ज जन्मतिथि ही वैध होता है। बालिका के परिजनों द्वारा बाल विवाह रोकथाम की कार्यवाही के दौरान स्थानीय वार्ड पार्षद को बुलाया गया। परिजनों के समर्थन में वार्ड पार्षद द्वारा आधार कार्ड को आवश्यक दस्तावेज मानते हुए विवाह सम्पन्न कराने हेतु टीम के समक्ष अपनी बात रखी। परिजनों द्वारा अंकसूची नहीं दिखाने पर शासकीय प्राथमिक शाला से बालिका का दाखिल खारिज टीम द्वारा लाया गया। जिसमें बालिका की आयु दाखिल खारिज के अनुसार 15 वर्ष हो रहा था। बालिका का वैवाहिक आयु पूरा नहीं होने के कारण परिजनों को समझाइश दिया गया कि बालिका का यदि इस आयु में विवाह किया जाता है तो वह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत अपराध है, यदि बाल विवाह होता है तो दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह में शामिल होने वाले व बाल विवाह को समर्थन करने वाले व्यक्ति को भी दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है। उक्त समझाइश के बाद वार्ड पार्षद द्वारा बालिका के परिजनों को बाल विवाह नहीं करने की बात कहते हुए विवाह स्थल चले गए। जिसके बाद बालिका के परिजन व रिश्तेदार बालिका का बाल विवाह नहीं करने कही गयी तब वर पक्ष को फोन कर बताया गया कि बालिका की आयु कम है उसने वैवाहिक आयु पूर्ण नहीं की है इस स्थिति में आप लोगों के द्वारा बालिका का विवाह सम्पन्न कराया जाता है तो अपराध दर्ज कराया जाएगा। इस पर वर पक्ष द्वारा भी बाल विवाह नहीं करने को सहमत हुए तब संयुक्त टीम द्वारा विवाह स्थल पर बाल विवाह नहीं करने का पंचनामा एवं परिजनों व बालिका का कथन तैयार किया गया।
बाल विवाह रोकथाम की कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, नायब तहसीलदार रूपाली मेश्राम, परियोजना समन्वयक कार्तिक मजुमदार, पुलिस थाना सूरजपुर से एएसआई गुरु प्रसाद यादव, एसआई बबीता यादव, महिला प्रधान आरक्षक पुष्पा पैकरा, आरक्षक पुष्पेन्द्र राजवाड़े, अविधा उईके सेक्टर पर्यवेक्षक, चाइल्ड हेल्पलाइन से शीतल सिंह, रमेश साहू एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्रामीण उपस्थित रहे।