रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना काल में मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) को लेकर बेहतर कार्य किया है। स्कूल आने वाले बच्चों को गरम भोजन और स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के लिए राशि उनके खाते तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह ने कुकिंग कास्ट और रसोईया मानदेय की राशि की आनलाइन अंतरण की प्रक्रिया शुरू की है।
इसमें राशि बैंक के माध्यम से स्कूलों के बच्चों के खाते में ट्रांसफर होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने नईदुनिया को बताया कि अभी तक विकासखंडों में यह राशि पड़ी रहती थी। हितग्राही को सीधे राशि मिली इसलिए पारदर्शिता के साथ सरकार काम कर रही है।
बैंक खातों को कर रहे हैं अपडेट
लोक शिक्षण संचालनालय में मिड डे मील योजना की विभिन्न आनलाइन प्रक्रिया को सफल बना रहे सहायक संचालक महेश कुमार नायक के मुताबिक वेबसाइट में जैसे-जैसे बच्चों के खातों की जानकारी अपलोड होती जाएगी, उसके बाद यह राशि उनके खातों में ट्रांसफर होगी। मिड डे मील की राशि बैंक के माध्यम से सीधे 87 हजार रसोईयों और मिड डे मील संचालनकर्ता लगभग 44 हजार समूहों के खातों में ट्रांसफर करने की शुरूआत हुई है।
कोरोना काल में यह लिया गया था निर्णय
अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों को मिड डे मील दिए जाने का निर्णय लिया गया था। भारत सरकार द्वारा 39 दिनों के लिए कुकिंग कास्ट की राशि बच्चों को दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत ग्रीष्म अवकाश एक मई 2021 से 15 जून 2021 की अवधि का कुल 39 दिनों के लिए कुकिंग कास्ट की राशि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से दी जा रही है।
राज्य के 28 लाख 76 हजार बच्चों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर द्वारा राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश में प्राथमिक स्कूल के 17 लाख 97 हजार और मिडिल स्कूल के 10 लाख 79 हजार बच्चों को यह राशि प्रदान की जाएगी।
प्राथमिक स्कूल के बच्चों को प्रति छात्र प्रति दिवस पांच रुपये 19 पैसे की दर से और मिडिल स्कूल के बच्चों को प्रति छात्र प्रति दिवस सात रुपये 45 पैसे की दर से राशि स्वीकृत की गई है। इस प्रकार कुल 67 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि बच्चों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी।