छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला, बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर मिले रोचक आंकड़े
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश की राजधानी रायपुर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और अवैध प्लाटिंग का मामला विधानसभा में उठाया। अग्रवाल ने नगरीय प्रशासन मंत्री से पूछा कि रायपुर में 8 जनवरी 19 से 10 फरवरी 2022 तक शासकीय जमीन में कितने अवैध कब्जे के मामले दर्ज किए गए हैं ।
शासकीय जमीन में अवैध कब्जा के मामले में क्या क्या कार्रवाई की गई है । उन्होंने पूछा कि क्या सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कराए गए हैं । यदि नहीं तो क्यों ? रायपुर नगर निगम के रिक्त शासकीय भूमि के रखरखाव के लिए क्या कार्रवाई की गई है ,सभी जमीनों को चिन्हित किया गया है यदि हां तो कुल कितने स्थान पर कितनी शासकीय जमीन उपलब्ध है? रायपुर शहर के शासकीय भूमि के रखरखाव के लिए क्या-क्या कार्रवाई की गई है । क्या शासकीय जमीनों को चिन्हाकित किया गया है यदि हां तो कुल कितने कितने स्थान पर कितने जमीन उपलब्ध है ? क्या शासकीय जमीनों को सुरक्षित किया गया। तो कितनी जगह पर किस-किस कार्यों के लिए किया गया है।
रायपुर शहर में हुआ 3 साल में 1021 स्थानों पर शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जा
बृजमोहन अग्रवाल के इस भारी भरकम सवाल का जवाब भी बड़ा रोचक आया। छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने अपने उत्तर में बृजमोहन अग्रवाल को बताया कि रायपुर शहर में 3 साल में 1021 स्थानों पर शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जा हुआ है और रायपुर शहर में 245 स्थानों पर अवैध प्लाटिंग करने के मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि रायपुर नगर निगम क्षेत्र में 20 शासकीय भूखंडों को चिन्हित किया गया है जिसे सुरक्षित किया जा रहा है। मोरेश्वर राव गद्रे वार्ड में 4 ,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड में 1 ,चंद्रशेखर आजाद वार्ड में 9 ,शासकीय भूमि उपलब्ध है । डॉ खूबचंद बघेल वार्ड व संत माता कर्मा वार्ड में एक भी शासकीय जमीन खाली उपलब्ध नही है । रायपुर में 2019 में 214 , 2020 में 312 2021 में 344 और 2022 में अब तक 151 शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है। 245 जगहों पर अवैध प्लाटिंग किया गया है ।
बृजमोहन अग्रवाल ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में व्यापक अनियमितता भ्रष्टाचार का मामला भी विधानसभा में उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि श्रमिकों का 561 करोड़ रुपया श्रमिको को वितरित करने के बजाय दबा कर बैठे है। अग्रवाल ने कहा कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में 1 जनवरी 2019 से 10 फरवरी 2022 तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं प्रारंभ है और मशीन साइकिल औजार की एवं अन्य सुरक्षा उपकरण के लिए कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए। वर्ष वार जानकारी देवें। अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 20 लाख 41 हजार 557 श्रमिक पंजीकृत है, 3 साल के 561 करोड़ जमा है। आप पूरे कोरोना काल मे उन्हें कुछ नही दे पाए। सामग्री वितरित नही की। अग्रवाल के द्वारा श्रमिकों के उठाये गए मामले पर सदन में लगभग आधा घंटा चर्चा हुई। सदस्यों ने श्रमिकों को पैसा होने के बाद भी लाभ न पहुंचाने के मामले को लेकर श्रम मंत्री को घेरा श्रम मंत्री अनेक प्रश्नों का जवाब नहीं दे पाए।