रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़ काटने के नियमों को सरल कर दिया है। अब नागरिकों को अपनी जमीन पर पेड़ों की कटाई के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने बयान जारी करके कहा है कि वृक्षों के कटाई से संबंधित आवेदनों पर कटाई की अनुमति देने के लिए समय-सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। सरलीकृत नियम के अनुसार खुद की जमीन पर लगे वृक्षों की कटाई के लिए भू-स्वामी को एसडीएम को केवल सूचना देनी होगी। इसी तरह पेड़ के प्राकृतिक रूप से उगे होने की स्थिति में ऐसे वृक्षों की कटाई के लिए भू-स्वामी कों एसडीएम से लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर वृक्षों की कटाई से संबंधित नियमों को आसान बनाने की घोषणा की थी।
सीएम भूपेश बघेल की घोषणा पर राजस्व विभाग की तरफ से अमल करते हुए वृक्षों की कटाई के नियमों को सरल बनाया गया है। इन सरलीकृत नियमों को वृक्ष कटाई नियम 2022 के नाम से राजपत्र में प्रकाशन भी करा दिया गया है। इस नियम के तहत भू-स्वामी अपने खाते में प्राकृतिक रूप से उगे वृक्ष की कटाई के लिए निर्धारित प्रारूप में एसडीएम को आवेदन देंगे। इसके बाद एसडीएम के निर्देश पर राजस्व और वन विभाग के अमले को संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण प्रतिवेदन 30 कार्य दिवस के अंदर एसडीएम को प्रस्तुत किया जाएगा। निर्धारित कालखंड में निरीक्षक प्रतिवेदन प्राप्त न होने पर भी एसडीएम आगे की कार्यवाही कर सकेंगे।
एसडीएम प्राकृतिक रूप से वृक्ष कटाई के लिए आवेदन मिलने के 45 दिन के भीतर अपनी अनुशंसा आवेदक और वन मंडलाधिकारी को भेजेंगे। यदि आवेदक को 45 कार्य दिवस के भीतर एसडीएम का लिखित निर्णय मिलता नहीं होता है तो वह याद कराने हेतु फिर से आवेदन कर सकेगा। यदि अगले 30 कार्य दिवस के भीतर फिर लिखित निर्णय प्राप्त नहीं होता है, तो यह माना जाएगा कि आवेदन पर परमिशन दे दी गई है। ऐसी स्थिति में आवेदक अपने जमीन पर लगे पेड़ों की कटाई के लिए आज़ाद होगा। एक कैलेण्डर वर्ष में एक खाते में प्राकृतिक रूप से उगे चार वृक्ष प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 10 वृक्षों की कटाई के लिए एसडीएम अनुशंसा कर सकेंगे।
भू-स्वामी की तरह से अपने खाते में कृषि के रूप में रोपित वृक्षों की कटाई के लिए एसडीएम और वन परिक्षेत्र अधिकारी को कटाई से एक माह पहले निर्धारित प्रारूप में सूचना देना होगा। सूचना के साथ पंजीयन संबंधी राजस्व अभिलेख और स्व-घोषणा पत्र निर्धारित प्रारूप में देना होगा। भू-स्वामी द्वारा प्रस्तुत सूचना और स्व-घोषणा पत्र का दस्तावेजी और भौतिक सत्यापन पटवारी , वनपाल के माध्यम से कराया जाएगा। भू-स्वामी की ओर से लिखित में इच्छा व्यक्त करने पर लगाए वृक्षों की कटाई वन विभाग की तरफ से की जा सकेगी।
वन मंडलाधिकारी के तरफ से प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों के कटाई के संबंध में सक्षम अनुशंसा और भू-स्वामियों द्वारा स्वयं के खाते में कृषि के रूप में रोपित वृक्षों की कटाई के लिए लिखित रूप में इच्छा व्यक्त किए जाने पर आवेदन प्राप्ति के 30 कार्य दिवस के भीतर निर्धारित दर पर लकड़ी के मूल्य की गणना कर मूल्य का 90 प्रतिशत भू-स्वामी के बैंक खाते में और 10 प्रतिशत वन विभाग के खाते में जमा करेंगे। वन विभाग में जमा की जाने वाली राशि से प्रत्येक काटे जाने वाले वृक्ष के 10 गुना संख्या में वन विभाग की ओर से वृक्षारोपण एवं उनका रख-रखाव किया जाएगा और इसकी जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के माध्यम से कलेक्टर को दी जाएगी।