जगदलपुर |नक्सली देश के संविधान को नहीं मानते है ,इसलिए जब 26 जनवरी के दिन पूरा भारत गणतंत्र दिवस मना रहा होता है, तब नक्सल प्रभावित इलाकों में सब कुछ ठप्प होता है। गणतंत्र दिवस के दिन नक्सलियों में भारत बंद का ऐलान किया है, जिसका असर नक्सल प्रभावित इलाको में देखा जा सकेगा। नक्सलियों के बंद का असर रेलवे के काम काज पर भी पड़ता है। नक्सली उत्पात से बचाव को देखते हुए वाल्टेयर रेलमंडल ने किरंदुल से विशाखापट्टनम चलने वाली यात्री ट्रेनों को 27 जनवरी तक जगदलपुर में ही रोकने का फैसला लिया है। इस प्रकार में 27 जनवरी तक विशाखापट्टनम से किरंदुल जाने वाली दो यात्री रेलों को जगदलपुर से ही वापस लौटाया जाएगा।
दरअसल हो कि जब भी नक्सली बंद का एलान करते हैं,तब साल में सौ से ज्यादा दिन तक यात्री रेलों को बंद रखा जाता है, जिसके कारण यात्रियों को बेहद असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के दिन के दिन नक्सलियों की तरफ से उत्पात मचाये जाने का खतरा रहता है। नक्सलियों की तरफ से नक्सल प्रभावित इलाको से होकर गुजरने वाली मालगाड़ियों में बैनर और पर्चे लगाकर गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करने की बात सरकार तक पहुंचे जाती है।
नक्सली बंद गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अलावा मुख्य तौर पर 10 फरवरी को भूमकाल दिवस ,8 मार्च को महिला दिवस पर पर भी किया जाता है। इसके अलावा 23 मार्च को शहीद दिवस, 22 अप्रैल को लेनिन की जयंती ,1 मई को मजदूर दिवस, 26से 27 जून तक आर्थिक नाकाबंदी में भी नक्सली बंद करते है। इसके अलावा नक्सली 9 सितंबर को माओवादी शहीद दिवस, 21 सितंबर को माओवादी स्थापना दिवस मनाते हैं, इन दिनों भी नक्सल बंद बुलाया जाता है।