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छत्तीसगढ़ स्थापना के 25 वर्ष पर परिवहन विभाग की पहल – “पोला पर्व” और सड़क सुरक्षा का अनोखा संगम

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डॉ प्रताप नारायण सिंह संपादक
अंबिकापुर।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती वर्षगांठ पर परिवहन विभाग ने पारंपरिक लोकपर्व पोला और सड़क सुरक्षा को जोड़कर एक नई पहल की है। पोला पर्व, जिसमें बैलों की विशेष पूजा की जाती है और ग्रामीण अंचल में यह पर्व खेती-किसानी तथा पशुपालन की संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है, उसी अवसर पर सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान भी संचालित किया गया।

आरटीओ अंबिकापुर श्री विनय कुमार सोनी के निर्देशन में परिवहन उड़नदस्ता की टीमों ने मुख्य मार्गों पर विशेष अभियान चलाकर विचरण करने वाले मवेशियों के गले में रिफ्लेक्टर कॉलर पहनाए। यह पहल इसलिए की गई ताकि रात के समय सड़क पर बैठे या घूमते मवेशियों को वाहन चालक दूर से ही देख सकें और दुर्घटना की संभावना कम हो सके।

अभियान के तहत उड़नदस्ता की विभिन्न टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर पेट्रोलिंग वाहनों की मदद से न सिर्फ मवेशियों को सड़क से सुरक्षित हटाने का कार्य किया बल्कि लोगों को भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की। ग्रामीणों को समझाया गया कि खुले में छोड़े गए मवेशी अक्सर हादसों का कारण बनते हैं, इसलिए उनकी उचित देखरेख करना भी जरूरी है।

परिवहन विभाग का मानना है कि जिस प्रकार पोला पर्व किसानों और पशुओं के बीच आपसी संबंध और आभार व्यक्त करने का प्रतीक है, उसी तरह यह रिफ्लेक्टर कॉलर अभियान पशुओं की सुरक्षा और मानव जीवन की रक्षा का संदेश देता है।

स्थानीय नागरिकों ने भी विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे न केवल मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आम लोगों की जान-माल की हिफाजत में भी मदद मिलेगी।

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