छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर दो साल से लगा बैन हटा, नए नियम से होंगे तबादले, जनिए शिक्षकों के लिए क्या होगा ट्रांसफर नियम और कब से कब तक होगा ट्रांसफर….
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के ट्रांसफर पर दो साल से लगे बैन को हटा दिया गया है। मंत्रिमंडलीय उप समिति ने CM भूपेश बघेल को रिपोर्ट सौंप थी जिसे मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया हैं। जिसके बाद अब जिला स्टार पर ट्रांसफर 16 अगस्त से 30 सितंबर तक होगा। वही राज्य स्तर पर 10 सितम्बर से 30 सितम्बर तक ट्रांसफर होगा।
छग राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर को लेकर अच्छी खबर आ रही है। पिछले तीन वर्षों से छग में कर्मचारियों के तबादला पर बैन लगा हुआ था जिसे अब हटा दिया गया है। ट्रांसफर पर लगे बैन खुलने से कर्मचारी अपने मनचाही जगह पर जा सकेंगे। वर्ष 2022 में होने वाली ट्रांसफर को मंत्रिमंडल की उपसमिति द्वारा किया जायेगा . उपसमिति की बैठक में ट्रांसफर नियम 2022 के लिए नया सुझाव तैयार किया गया है .इसी के अनुसार अब ट्रांसफर होंगे
आपको बता दें कि राज्य में सत्ता बदलने के बाद वर्तमान सरकार ने वर्षों से तबादला पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया ,जिससे हजारों कर्मचारियों को फायदा हुआ ,उसके बाद फिर से पिछले लगभग 3 वर्ष से ट्रांसफर पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
पिछले दिनों भूपेश कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार छग में राज्य कर्मचारियों के लिए तबादला पर लगे बैन को हटाने का निर्णय लिया गया था ,इसके लिए एक उपसमिति बनायीं गयी है .जिसके अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू जी है । उपसमिति की बैठक आज 01 अगस्त को संपन्न हुआ है जिसमे ट्रांसफर के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिए जाने की खबर आ रही है .
ट्रांसफर की प्रक्रिया 15 अगस्त से –
छग में होने वाले ट्रांसफर की प्रक्रिया 15 अगस्त से संभावित है . ट्रांसफर की प्रक्रिया जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय दो अलग अलग चरणों में किया जायेगा . राज्य स्तरीय ट्रांसफर के लिए संभावित तिथि 15 अगस्त से 31 अगस्त निर्धारित किया जा रहा है .वहीँ अंतर जिला स्तरीय ट्रांसफर की की प्रक्रिया 01 सितम्बर से 15 सितम्बर प्रस्तावित है .
ट्रांसफर के लिए बनाये गये उपसमिति द्वारा ट्रांसफर के लिए पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चूका है , लेकिन फिर भी इसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी आवश्यक होगी . साथ ही ट्रांसफर के लिए प्रस्तावित तिथि में बदलाव भी हो सकता है .
वर्षों बाद ट्रांसफर पर लगे बैन खुलने से कर्मचारी अपने मनपसंद जगह में जा सकेंगे . हालाँकि अभी ट्रांसफर के लिए आवेदन के बाद ये सभी बातें क्लियर हो जाएगी .सामान्यतया ट्रांसफर के लिए सेट अप का 10 प्रतिशत ही आवेदन को मान्य किया जाता है .लेकिन उपसमिति के ड्राफ्ट में इसमे कुछ बदलाव की बात कही जा रही है .
नए नियम से होंगे तबादले-
राज्य में कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर के नए नियम बनाये जाने की खबर है ,इस नए नियम के तहत ही अब कर्मचारियों के ट्रांसफर किये जायेंगे। नए नियम में बहुत कुछ बदलाव किये गए है जो पहले की अपेक्षा काफी अलग है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब किसी भी जगह से कर्मचारियों का तबादला वहां पदस्थ और रिक्त संख्या के अनुपात में की जाएगी। साथ ही शहरी और ग्रामीण लोकेशन में रिक्त संख्या के अनुपात को भी विशेष ध्यान में रखकर ही कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा।
शिक्षकों के लिए ट्रांसफर नियम –
स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों का ट्रांसफर विषय और पद के आंकलन के बाद होने की बात कही जा रही है। नए शिक्षा निति में भी इस बात पर जोर दिया गया है। जिस स्कूल में पहले से शिक्षक की कमी है वहां के शिक्षक का तबादला नहीं किया जाएगा।
शासन स्तर पर ट्रांसफर के विषय में कैबिनेट में चर्चा हुआ और जल्द ही ट्रांसफर के लिए बैन खोलने पर सहमती बन गयी है। मानसून सत्र के बाद कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जायेगा , जिसमे वर्ष 2022 में होने वाले कर्मचारियों के तबादले के लिए नए नियम बनाये जायेंगे । तबादला पर लगे प्रतिबन्ध हटने से कर्मचारी अपने मनचाही जगह पर जा सकेंगे।
ट्रांसफर आदेश -2022
वर्ष 2022 में होने वाले कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए नए नियम और आदेश -उपसमिति द्वारा मुख्यमंत्री को ड्राफ्ट सौपने के बाद प्रसारित किया जायेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रांसफर के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त के दुसरे सप्ताह से से शुरू हो सकती है।
ट्रांसफर के लिए आवेदन करने की अवधि 15 दिन या एक माह होगी। इस अवधि में तबादला चाहने वाले कर्मचारी निर्धारित फार्म में जानकारी भरकर जमा कर सकते है।
कर्मचारियों का तबादला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद ही होगा। सभी जिलों के प्रभारी मंत्री नियुक्त किये जा चुके है ,जो ट्रांसफर सम्बन्धी प्रक्रियाओं का आंकलन करते हुए प्रस्ताव को अंतिम रूप देंगे।
डीए को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश –
केन्द्रीय कर्मचारियों के सामान महंगाई भत्ता और सातवें वेतन के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता के लिए छग अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 25 से 29 जुलाई तक आन्दोलन किया लेकिन सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और न ही चर्चा के लिए बुलाया गया .जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोस है .अब भी यदि सरकार की ओर से महंगाई भत्ता के सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो आने वाले 22 अगस्त से पुरे प्रदेश के सभी कर्मचारी अधिकारी अनिश्चित कालीन आन्दोलन में चले जायेंगे .इसकी सुचना शासन को दिया गया है .
कर्मचारियों के अनिश्चित कालीन आन्दोलन से सभी कार्यालय और स्कूल बंद हो जायेंगे और सभी सरकारी काम काज भी ठप हो जाएगी . कर्मचारी संगठनों की माने तो ये सरकार कर्मचारियों को दुसरे ग्रह का प्राणी समझने लगा है . सरकार के इस प्रकार की रवैये से कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश की आग सुलग गयी है .
केंद्र के सामान 34 % महंगाई भत्ते और सातवें वेतन पर गृह भाडा भत्ता के लिए कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन आन्दोलन की चेतावनी सरकार को दे दिए है .उसके बाद भी सरकार गूंगी बहरी हो गयी है . आने वाले समय में कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन आन्दोलन की रणनीति तैयार कर लिया गया है .