जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में हजारों ग्रामीणों ने पुलिस कैंप खोले जाने के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया है। नारायणपुर,कोंडागांव ,बीजापुर ,बस्तर और दंतेवाड़ा जिले से लगे हुए दर्जनो गांव के हजारों ग्रामीण में मेटानार इलाके में प्रस्तावित पुलिस कैंप के विरोध,पेसा कानून और पांचवी अनुसूची के पालन करने समेत कुल 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बीते कुछ दिनों से धरना दे रहे हैं।
आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि सरकार बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए ,ग्रामसभा की अनुमति के बिना, बस्तर के कई इलाके में सड़क बनाने के साथ पुलिस कैंप खोले रही है। दरअसल, नारायणपुर के मेटानार इलाके में सुरक्षा बलों का कैंप खुलना है। यह ऐसा इलाका है ,जहां हमेशा माओवादियों की मौजूदगी बनी रहती है।सरकार का मानना है कि पुलिस कैम्प खुलने से इलाके में शांति बहाल होगी और विकास के अवसर बनेगे,जबकि ग्रामीण इसके विपरीत सोच रखते हैं।
आंदोलन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनके इलाके में पुलिस कैंप खुलता है ,तो पुलिस गांव में घुसकर ग्रामीणों को परेशान करके झूठे नक्सल प्रकरण में भी गिरफ्तार करके जेल भेज देगी। बहरहाल बड़ी संख्या में ग्रामीणों के बेमियादी आंदोलन पर चले जाने से नारायणपुर के मुख्य मार्ग में आवागमन ठप्प पड़ चुका है।वहीं धरने पर बैठे ग्रामीणों को विश्वास में लेकर आंदोलन समाप्त करने के संबंध में अब तक पुलिस और गृह विभाग के किसी भी अधिकारी का कोई बयान सामने नही आया है। अबूझमाड़ से पहले बस्तर के सिलगेर और गंगालूर पुसनार इलाके में भी ग्रामीण पुलिस कैंप खुलने पर विरोध जता चुके हैं।